हर साल 9 मई को, रूस द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की विजय की याद में विक्ट्री डे मनाता है, जिसे रूस में महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के नाम से जाना जाता है। 2025 में, यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह विजय की 80वीं वर्षगांठ को चिह्नित करेगा। मॉस्को के रेड स्क्वायर पर आयोजित होने वाला विक्ट्री डे परेड रूस का सबसे प्रतिष्ठित सैन्य आयोजन है, जो न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करता है, बल्कि लाखों सोवियत नागरिकों के बलिदान को भी श्रद्धांजलि देता है। यह लेख 2025 के विक्ट्री डे परेड के महत्व, इसकी तैयारियों, और इसके वैश्विक प्रभाव को विस्तार से बताता है, साथ ही यह भी समझाता है कि यह दिन रूस और विश्व के लिए क्यों मायने रखता है।
विक्ट्री डे का ऐतिहासिक महत्व
विक्ट्री डे, 9 मई 1945 को नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण की स्मृति में मनाया जाता है, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्वी मोर्चे को समाप्त किया। सोवियत संघ ने इस युद्ध में करीब 2.6 करोड़ लोगों की जान गंवाई, जिसमें सैनिक और नागरिक दोनों शामिल थे। यह युद्ध रूस के इतिहास में सबसे विनाशकारी घटनाओं में से एक था, और विक्ट्री डे इस बलिदान को सम्मान देने का प्रतीक है। 1965 से यह रूस में एक गैर-कार्यकारी अवकाश है, और 1995 से मॉस्को में नियमित रूप से सैन्य परेड आयोजित की जाती है। 2025 का परेड, 80वीं वर्षगांठ होने के कारण, विशेष रूप से भव्य होने की उम्मीद है।
2025 का परेड: क्या है खास?
2025 का विक्ट्री डे परेड मॉस्को के रेड स्क्वायर पर 9 मई को सुबह 10 बजे शुरू होगा। यह परेड रूसी सशस्त्र बलों की ताकत, ऐतिहासिक गौरव, और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को प्रदर्शित करेगा। इस बार के आयोजन में कई अनूठी विशेषताएं होंगी:
- 80वीं वर्षगांठ का उत्सव: यह परेड न केवल विजय की स्मृति को ताजा करेगा, बल्कि रूस की एकता और ऐतिहासिक गौरव को भी उजागर करेगा।
- अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: क्रेमलिन के अनुसार, 19 देशों के नेता और दो अन्य आमंत्रित नेताओं की उपस्थिति की पुष्टि हो चुकी है। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुचिच, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, और वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो शामिल हैं।
- उत्तर कोरियाई सैनिकों की भागीदारी: पहली बार, उत्तर कोरिया की सैन्य टुकड़ी परेड में हिस्सा लेगी, जो रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को दर्शाता है।
- यूक्रेन युद्ध के दिग्गज: रूस-यूक्रेन युद्ध में हिस्सा लेने वाले सैनिक, जिनमें “हीरो ऑफ रूस” और “ऑर्डर ऑफ करेज” पुरस्कार प्राप्तकर्ता शामिल हैं, परेड में मार्च करेंगे।
- सैन्य प्रदर्शन: परेड में टी-34/85 टैंक, मिसाइल लांचर, और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) जैसे उपकरण दिखाए जाएंगे। रूसी नाइट्स aerobatic team द्वारा हवाई प्रदर्शन भी होगा, जिसमें सुखोई-30 और मिग-29 विमान शामिल होंगे।
परेड की संरचना
विक्ट्री डे परेड में तीन मुख्य हिस्से होते हैं:
- पैदल सैन्य परेड: 9,000 से अधिक सैनिक, जिनमें रूसी सशस्त्र बलों की 30 औपचारिक रेजिमेंट और विदेशी सैन्य टुकड़ियां शामिल हैं, रेड स्क्वायर से मार्च करेंगी। 154वीं प्रीओब्राजेंस्की रेजिमेंट की ऑनर गार्ड कंपनी रूस का राष्ट्रीय ध्वज और विजय बैनर लेकर परेड की शुरुआत करेगी।
- यांत्रिक परेड: ऐतिहासिक टी-34/85 टैंक के नेतृत्व में, परेड में विभिन्न सैन्य वाहन जैसे टिगर, वीपीके-3927 वोल्क, और आरएस-24 यार्स ICBM शामिल होंगे।
- हवाई प्रदर्शन: रूसी वायु सेना के विमान, जैसे सुखोई-25 जेट, रूसी तिरंगे के रंगों में धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन करेंगे।
परेड का संचालन लंबे समय से कमांडर जनरल ओलेग सल्युकोव करेंगे, जो इसे “लोगों के लिए उत्सव, न कि सैन्यवाद का प्रदर्शन” मानते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, सुप्रीम कमांडर के रूप में, मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता होंगे।

वैश्विक संदर्भ और विवाद
2025 का विक्ट्री डे परेड रूस-यूक्रेन युद्ध और भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है, जिसने इसे विवादास्पद बना दिया है।
- यूक्रेन का विरोध: यूक्रेन ने 2023 में अपनी विश्व युद्ध स्मृति तिथि को 8 मई में बदल दिया, जिसे “नाजीवाद पर विजय और स्मृति का दिन” नाम दिया गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मॉस्को के परेड को “खतरे में” बताया और इसे बाधित करने की धमकी दी।
- यूरोपीय संघ की चेतावनी: यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख कजा कैलास ने यूरोपीय नेताओं को मॉस्को के परेड में भाग लेने के खिलाफ चेतावनी दी, इसे यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध से जोड़ा। इसके बावजूद, स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने परेड में भाग लेने की पुष्टि की।
- अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति: क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष परेड में शामिल होंगे, जो रूस के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले के कारण भाग लेने से इनकार कर दिया।
रूस में विक्ट्री डे का उत्सव
विक्ट्री डे रूस का सबसे महत्वपूर्ण धर्मनिरपेक्ष अवकाश है। मॉस्को के अलावा, 27 अन्य शहरों जैसे सेंट पीटर्सबर्ग, सेवस्तोपोल, और केर्च में भी परेड होंगी। लोग युद्ध स्मारकों पर लाल कार्नेशन चढ़ाते हैं, दिग्गजों को सम्मानित करते हैं, और रात में आतिशबाजी देखते हैं। टीवी नेटवर्क विश्व युद्ध से प्रेरित फिल्में दिखाते हैं, और “इम्मोर्टल रेजिमेंट” मार्च, हालांकि 2023 में रद्द किया गया था, इस बार फिर से आयोजित हो सकता है।
मॉस्को में परेड देखने की व्यवस्था
रेड स्क्वायर पर परेड तक आम जनता की पहुंच सीमित होती है, जो मुख्य रूप से दिग्गजों और सरकारी अधिकारियों के लिए आरक्षित है। हालांकि, पर्यटक नजदीकी स्थानों जैसे होटल नेशनल के रेस्तरां से परेड देख सकते हैं, जो मुख्य सड़क का दृश्य प्रदान करता है। कई टूर ऑपरेटर छह दिवसीय मॉस्को यात्रा पैकेज प्रदान करते हैं, जिसमें परेड, क्रेमलिन, और ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर संग्रहालय के दौरे शामिल हैं।
परेड की तैयारियां और सुरक्षा
2025 के परेड की तैयारियां जोरों पर हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने 19 मित्र देशों की सैन्य इकाइयों को आमंत्रित किया है, जिनमें से 10 ने भागीदारी की पुष्टि की है। यूक्रेन के संभावित ड्रोन हमलों के डर से सैनिकों को ड्रोन जैमर से लैस किया जाएगा। मॉस्को और अन्य शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होगी, खासकर 2024 में कई शहरों में परेड रद्द होने के बाद।
रूस ने 8 मई की मध्यरात्रि से 11 मई तक यूक्रेन में तीन दिन के “मानवीय युद्धविराम” की घोषणा की है, जिसे राष्ट्रपति पुतिन ने परेड के दौरान शांति का संदेश देने के लिए लागू किया। कीव से भी इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई गई है।
विक्ट्री डे का सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रभाव
विक्ट्री डे रूस में केवल एक सैन्य परेड नहीं है; यह राष्ट्रीय गौरव और ऐतिहासिक स्मृति का प्रतीक है। मानवविज्ञानी सर्गेई उशाकिन के अनुसार, ये परेड वर्तमान को अतीत से जोड़ने और पीढ़ियों के बीच संबंध को मूर्त रूप देने के लिए हैं। पुतिन ने इसे रूसी राष्ट्रवाद को पुनर्जनन देने का केंद्र बनाया है, जिसे वे “पवित्र युद्ध” की भावना से जोड़ते हैं।
हालांकि, परेड को सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के रूप में देखने की आलोचना भी होती है। 2023 और 2024 में, यूक्रेन युद्ध के कारण परेड का पैमाना छोटा था, जिसमें केवल एक टी-34/85 टैंक शामिल था। 2025 में, रूस इसे भव्य बनाकर अपनी सैन्य और राजनयिक ताकत को फिर से स्थापित करने की कोशिश करेगा।
निष्कर्ष
9 मई, 2025 को मॉस्को का विक्ट्री डे परेड न केवल नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 80वीं वर्षगांठ का उत्सव होगा, बल्कि रूस की सैन्य शक्ति, राष्ट्रीय गौरव, और वैश्विक प्रभाव का प्रदर्शन भी होगा। अंतरराष्ट्रीय नेताओं और सैन्य टुकड़ियों की उपस्थिति, विशेष रूप से उत्तर कोरिया जैसे सहयोगियों की भागीदारी, इसे वैश्विक ध्यान का केंद्र बनाएगी। हालांकि, यूक्रेन युद्ध और यूरोपीय संघ की चेतावनियों ने इसे विवादास्पद भी बनाया है। रूस के लिए, यह परेड एक अवसर है कि वह अपने इतिहास को सम्मान दे, अपनी एकता को प्रदर्शित करे, और विश्व मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करे। यह दिन रूसियों के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण रहेगा, जो अपने पूर्वजों के बलिदान को कभी नहीं भूलते।