कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, MUDA भूमि घोटाले मामले में सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन मामले में एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम ने सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मंजूरी देने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया था। इसी मामले में गवर्नर की ओर से मंजूरी दी गई है।
खबरें ये भी हैं कि सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम आज दोपहर 3 बजे राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिलने वाले हैं। लेकिन इसे लेकर अभी तक किसी प्रकार की अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
सिद्धारमैया पर क्या लगे हैं आरोप?
दरअसल, दक्षिणी राज्य कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया पर MUDA द्वारा अधिग्रहित जमीन के एक टुकड़े को अपनी पत्नी के नाम से बदलने का आरोप है। आरोप के मुताबिक, मैसूर के एक पॉश इलाके में उनकी पत्नी को एक जमीन दी गई थी। जिसकी बाजार कीमत उनकी अपनी जमीन से कहीं ज्यादा है। इसी मामले में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हमला बोल रही है। पिछले दिनों इसी मामले में सिद्धारमैया से CM पद से इस्तीफा मांगते हुए बेंगलुरु से लेकर मैसूरु तक पैदल यात्रा भी निकाली थी।
राज्यपाल ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने वकील-कार्यकर्ता टीजे अब्राहम की याचिका के आधार पर 26 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में राज्यपाल ने सीएम को निर्देश दिया था कि वे अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब दें और बताएं कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल से 1 अगस्त को नोटिस वापस लेने को कहा था। कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल पर संवैधानिक पद का घोर दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।