BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने की तैयारी कर ली है। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य वैश्विक मंचों पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देना है।
इस कूटनीतिक पहल के तहत विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों को शामिल किया गया है। लेकिन सरकार द्वारा जारी सूची में कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम आने पर नया विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस ने जताई आपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि उसने थरूर का नाम प्रतिनिधिमंडल के लिए नहीं भेजा था। पार्टी का कहना है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जिन चार नामों की सिफारिश की थी, उनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग शामिल थे। पार्टी ने शशि थरूर के चयन को एकतरफा करार देते हुए इस पर ऐतराज जताया है।
प्रतिनिधिमंडलों की भूमिका
सरकार के अनुसार, ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, यूएई और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करेंगे और भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को वैश्विक समुदाय तक पहुंचाएंगे। इसमें सांसदों के साथ अनुभवी राजनयिक भी होंगे, जो भारत की विदेश नीति को पेश करेंगे।
किरेन रिजिजू का बयान
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पहल को ‘राष्ट्रीय एकता’ की मिसाल बताया। उन्होंने कहा, “यह राजनीति से ऊपर उठकर देश की एकजुट आवाज़ है। प्रतिनिधिमंडल भारत के ‘जीरो टॉलरेंस टू टेररिज्म’ के संदेश को लेकर दुनिया में जाएंगे।”
थरूर की अगुवाई वाला अमेरिका डेलीगेशन
भले ही कांग्रेस ने आपत्ति जताई हो, लेकिन अमेरिका दौरे वाले प्रतिनिधिमंडल की कमान शशि थरूर को सौंपी गई है। उनके साथ कई अन्य सांसद और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।