BY: Yoganand Shrivastava
भारत की जनसंख्या संरचना में तेजी से बदलाव हो रहा है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) की 2023 की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार देश में जन्मदर में गिरावट दर्ज की गई है, जिसके चलते भारत धीरे-धीरे वृद्धावस्था की ओर बढ़ रहा है।
रिपोर्ट बताती है कि देश में कामकाजी आयु वर्ग (15-59 वर्ष) की जनसंख्या का अनुपात बढ़ रहा है, जबकि 0-14 वर्ष के बच्चों की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है।
बच्चों की आबादी में भारी गिरावट
SRS के आंकड़ों के अनुसार, 1971 से 1981 के बीच 0-14 वर्ष आयु वर्ग की हिस्सेदारी 41.2% से घटकर 38.1% रह गई थी। वहीं 1991 से 2023 के बीच यह प्रतिशत और कम होकर 24.2% तक पहुंच गया।
प्रजनन दर में ऐतिहासिक गिरावट
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1971 में देश की कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) 5.2 थी, जो 2023 में घटकर 1.9 हो गई। यह दर्शाता है कि भारत में प्रति महिला बच्चों की संख्या अब प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Level) से भी कम हो चुकी है।
दुनिया का सबसे बड़ा डेमोग्राफिक सर्वे
SRS की इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए लगभग 88 लाख लोगों का सैंपल लिया गया, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े डेमोग्राफिक सर्वेक्षणों में शामिल करता है।
लिंगानुपात में दिलचस्प तथ्य
अध्ययन में यह भी सामने आया कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 0-14 वर्ष आयु वर्ग में लड़कों की संख्या लड़कियों से अधिक है। हालांकि, दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में यह अनुपात उल्टा है, जहां लड़कियों की संख्या ज्यादा पाई गई।