आईटी इंडस्ट्री में मंदी के बावजूद, कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार के वेतन में वित्त वर्ष 2024 (FY24) में लगभग 14% की बढ़ोतरी हुई है। उनका कुल मुआवज़ा बढ़कर 8.2 मिलियन डॉलर (करीब 68 करोड़ रुपये) हो गया है।
यह जानकारी कंपनी द्वारा अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) में दाखिल प्रॉक्सी फाइलिंग से सामने आई है।
पिछले वर्ष रवि कुमार का कुल मुआवज़ा 7.2 मिलियन डॉलर था। यानी इस साल उनके वेतन में 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी हुई है।
क्या यह उचित है?
- IT सेक्टर की हालत: पिछले कुछ सालों में ग्लोबल टेक स्पेंडिंग कम हुई है, कई कंपनियों ने हायरिंग फ्रीज कर दी है, और प्रोजेक्ट्स कम हुए हैं।
- लेकिन CEO का पैकेज बढ़ा: सिर्फ रवि कुमार ही नहीं, इंफोसिस के CEO सलील परेख का पैकेज भी 16% बढ़कर 66 करोड़ हो गया, LTIMindtree और L&T टेक्नोलॉजी के CEOs को भी बड़ी वेतनवृद्धि मिली।
- कर्मचारियों पर असर: जहां CEOs का पैकेज बढ़ रहा है, वहीं कई IT कंपनियों में जॉब कट्स और सैलरी फ्रीज की खबरें आई हैं।
कॉग्निजेंट vs इंफोसिस – कानूनी झगड़ा भी चल रहा
इस बीच, कॉग्निजेंट और इंफोसिस के बीच एक कानूनी लड़ाई भी चल रही है। कॉग्निजेंट की हेल्थकेयर सब्सिडियरी TriZetto ने इंफोसिस पर आरोप लगाया कि उसने उनके सॉफ्टवेयर का डेटा चुराकर एक कॉम्पिटिटर प्रोडक्ट बनाया। इंफोसिस ने जवाब में कहा कि कॉग्निजेंट उनके पूर्व एम्प्लॉयीज को टारगेट कर रहा है।
निष्कर्ष:
CEO का पैकेज बढ़ना अच्छी बात है, लेकिन जब कंपनी और इंडस्ट्री संघर्ष कर रही हो, तो यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यह वेतनवृद्धि जायज है? क्या कर्मचारियों के हितों को भी उतनी ही प्राथमिकता मिल रही है?
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