बक्सर (बिहार): कैरिबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो में बिहार के बक्सर जिले की बेटी कमला प्रसाद बिसेसर एक बार फिर प्रधानमंत्री बन गई हैं। उनकी पार्टी यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस (यूएनसी) ने हाल के चुनावों में जीत हासिल की है। कमला इससे पहले 2010 से 2015 तक भी देश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
पैतृक गांव भेलुपुर में खुशी
कमला के प्रधानमंत्री बनने की खबर से उनके पैतृक गांव भेलुपुर (बक्सर) में खुशी की लहर है। गांव के लोगों ने मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया। कमला के रिश्तेदारों ने बताया कि वह 2012 में अपने गांव आई थीं। उन्होंने यहां के स्कूल और समुदाय केंद्र के विकास के लिए मदद का वादा भी किया था।
कौन हैं कमला प्रसाद बिसेसर?
- कमला का जन्म त्रिनिदाद में हुआ, लेकिन उनके पूर्वज बिहार के बक्सर जिले के भेलुपुर गांव से थे।
- उनके परदादा रामलखन 1889 में ब्रिटिश शासन के दौरान मजदूर के रूप में त्रिनिदाद गए थे।
- कमला ने 2010 में पहली बार प्रधानमंत्री का पद संभाला। वह त्रिनिदाद की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं।
- 2012 में वह अपनी जड़ों की तलाश में भेलुपुर आई थीं। उन्होंने गांव के मंदिर में पूजा की और रिश्तेदारों से मुलाकात की।

गांव वालों की प्रतिक्रिया
कमला के रिश्तेदार जगदीश मिश्रा ने कहा, “यह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है।” उनके भतीजे सोनू और राहुल ने बताया कि पूरा परिवार उनकी सफलता पर खुश है। गांव के लोगों को उम्मीद है कि वह फिर से भेलुपुर आएंगी।
कमला का भारत से जुड़ाव
कमला ने अपने भारतीय मूल पर हमेशा गर्व जताया है। 2012 में भेलुपुर आने पर उन्होंने कहा था, “यह मेरे लिए सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ने का अहसास है।” उनकी सफलता से पूरा भारत गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
त्रिनिदाद में भारतीय मूल के लोग
त्रिनिदाद और टोबैगो की 40% आबादी भारतीय मूल की है। 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन ने यहां गन्ने की खेती के लिए भारतीय मजदूरों को लाया था। आज वहां के कई बड़े नेताओं और व्यापारियों के पूर्वज भारत से हैं।
निष्कर्ष:
कमला प्रसाद बिसेसर की सफलता बिहार ही नहीं, पूरे भारत के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी दिखाती है कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।