रायपुर स्थित विशेष एसीबी/ईओडब्ल्यू अदालत में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ 4था पूरक चालान दाखिल किया गया है। इस चालान में कुल 1,100 पन्नों के दस्तावेज एवं 66 पन्नों की समरी पेश की गई है। आरोप है कि 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले में लखमा की “महत्वपूर्ण भूमिका” रही।
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घटनाक्रम — अदालतें और रिमांड विस्तार
- लखमा को लगभग 3 महीने से रायपुर केंद्रीय जेल में रखा गया है, जहाँ ईडी ने उन्हें 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
- उसके बाद ईडी और EOW दोनों ने पूछताछ की थी, जिसमें EOW टीम ने मार्च के मध्य दो दिन भी बातचीत की तथा लखमा से 12 विषयों पर सवाल पूछे गए थे।
- न्यायिक रिमांड अप्रैल तक बढ़ाया गया था और अब EOW अदालत ने उन्हें फिर से 30 जून तक रिमांड पर भेज दिया है, जहां 30 जून को यह पूरक चालान पेश किया जाएगा।
आरोपों का सारांश
- चालान में लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका का विशेष उल्लेख किया गया है।
- EOW/ED का दावा है कि इससे जुड़े भ्रष्टाचार की कुल राशि 2,000 करोड़ रुपए से अधिक है।
- विशेष रूप से प्रारंभिक चार्जशीट (3,841 पन्ने) में यह उल्लेख मिला था कि लखमा को लगभग 1.50 करोड़ रुपए प्रति माह का कमीशन मिलता था, और वह दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर घोटाले में सहभागी थे।
- लखमा ने आरोपों को खारिज किया है, खुद को “अशिक्षित/अनपढ़” बताते हुए कहा कि उन्हें फाइलें पढ़कर सुनाई जाती थीं और वे केवल हस्ताक्षर करते थे।
अब तक की जेल स्थिति एवं स्वास्थ्य
- वर्तमान में लखमा केंद्रीय जेल रायपुर में कराधीन हैं और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
- भूपेश बघेल सहित विपक्षी नेताओं ने कहा है कि जेल में पर्याप्त सुरक्षा न मिलने के कारण उन्हें उचित इलाज नहीं मिल रहा।
क्या इसे जानें जरूरी है?
- यह 4था पूरक चालान लखमा के खिलाफ जारी जांच का नवीनतम और निर्णायक दस्तावेज साबित हो सकता है।
- 30 जून को प्रस्तुत किया गया चालान संभावित रूप से अपराध की विस्तृत दिशा और नए सबूत उजागर कर सकता है, जिससे न्यायपालिकीय प्रक्रिया और तेज हो सकती है।