BY: Yoganand Shrivastava
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हालिया हिंसक घटनाओं और अशांति को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस संबंध में आज सुप्रीम कोर्ट में एक अहम याचिका पर सुनवाई भी होनी है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में पहली बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कब और कहां हुआ था?
क्या होता है अनुच्छेद 356 और कब लागू होता है राष्ट्रपति शासन?
भारतीय संविधान के अनुसार अनुच्छेद 355 यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र सरकार राज्यों की बाहरी या आंतरिक संकट की स्थिति में रक्षा करे। अगर किसी राज्य में सरकार संविधान के अनुसार काम नहीं कर पा रही हो, या कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई हो, तो अनुच्छेद 356 के तहत वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
इस स्थिति में राज्य सरकार को भंग कर राज्य की सारी प्रशासनिक शक्ति राष्ट्रपति और राज्यपाल के पास चली जाती है। राज्यपाल केंद्र सरकार के निर्देश पर कार्य करता है और सभी सरकारी फैसले केंद्र की मंजूरी के बाद लिए जाते हैं।
पहली बार कहां और कब लगा था राष्ट्रपति शासन?
भारत में पहली बार अनुच्छेद 356 का उपयोग 20 जून 1951 को पंजाब राज्य में किया गया था। बताया जाता है कि उस समय पंजाब की सरकार आंतरिक संघर्षों से जूझ रही थी, और खुद राज्य सरकार ने केंद्र से राष्ट्रपति शासन लागू करने का अनुरोध किया था।
134 बार लगाया जा चुका है राष्ट्रपति शासन
संविधान लागू होने के बाद से अब तक देश में 134 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। सबसे अधिक बार यह मणिपुर में लागू किया गया है, जहां अब तक 11 बार राज्य सरकार को बर्खास्त किया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान आता है, जहां 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
मणिपुर में भी लागू हुआ राष्ट्रपति शासन
हाल ही में मणिपुर में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया, क्योंकि नई सरकार के गठन पर कोई सहमति नहीं बन सकी थी।
पश्चिम बंगाल में क्यों हो रही है राष्ट्रपति शासन की मांग?
हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा और तनावपूर्ण घटनाओं के बाद कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि केंद्र सरकार राज्यपाल से मौजूदा हालात पर रिपोर्ट मांगे और यदि स्थिति गंभीर है तो अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
राष्ट्रपति शासन में प्रशासन कैसे चलता है?
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य का मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट पद से हटा दी जाती है। राज्यपाल को पूरी प्रशासनिक जिम्मेदारी मिल जाती है, और वह केंद्र सरकार के निर्देश पर काम करता है। सभी सरकारी अधिकारी केंद्र और राज्यपाल के अधीन काम करते हैं, और नीतियाँ भी केंद्र की अनुमति से लागू की जाती हैं।
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