Mohit Jain
देश से 15 अक्टूबर को मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी थी, लेकिन तीन मौसमीय सिस्टम के एकसाथ एक्टिव होने से एक बार फिर बारिश लौट आई है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिनों तक मध्य प्रदेश समेत करीब 15 राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिलेगी। पिछले 24 घंटे में देश के 90% हिस्सों में बादल छाए रहे और कई जगहों पर हल्की से तेज बारिश हुई।

गुजरात, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत के राज्यों में रविवार और सोमवार को भारी बारिश दर्ज की गई। अरब सागर से बने सिस्टम के चलते गुजरात के अमरेली में सोमवार सुबह दो घंटे में 6 इंच तक बारिश दर्ज हुई। अमरेली की घातरवाड़ी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए।
चक्रवात मोन्था का खतरा, आंध्र-ओडिशा में रेड अलर्ट
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) अब चक्रवात मोन्था में बदलने जा रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि यह तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा के पास तट से टकरा सकता है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र से लौटने और समुद्र तटों से दूर रहने को कहा है। 30 अक्टूबर तक तूफान का असर रहेगा।
इसके चलते आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में रेड अलर्ट जारी किया गया है। तूफान के दौरान हवाओं की रफ्तार 100 से 110 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को सभी स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है, जबकि ओडिशा के 15 जिलों में NDRF और ODRAF की टीमें तैनात की गई हैं।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है।
पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानों में गिरेगा तापमान

तीसरा सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के रूप में सक्रिय है, जो सोमवार को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में दस्तक देगा।
इसके प्रभाव से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है, वहीं नवंबर के पहले हफ्ते में 3 से 4 डिग्री तक तापमान गिरने की उम्मीद है।
राजस्थान में भी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के प्रभाव से मौसम बदल गया है।
कोटा, उदयपुर, सवाई माधोपुर समेत 9 जिलों में बारिश हुई है और 23 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
देश के मौसम में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
एक तरफ चक्रवात मोन्था से तटीय राज्यों में खतरा मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में ठंड की शुरुआत होने लगी है।
मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।

क्या है चक्रवात मोन्था ?
उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों को उस क्षेत्र के देशों की ओर से दी गई पहले से तय लिस्ट से नाम दिए जाते हैं। मोंथा नाम का सुझाव थाईलैंड ने दिया था, जो उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नाम रखने में योगदान देने वाले 13 सदस्य देशों में से एक है।
बंगाल की खाड़ी से आने वाले चक्रवात तूफान मोंथा का असर उत्तर-पश्चिम भारत में भी दिखाई देगा. पश्चिमी, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में IMD ने 29 अक्टूबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.





