- जेएसएलपीएस और यूनिसेफ की साझेदारी में किशोर–किशोरी सशक्तिकरण हेतु राज्य स्तरीय रिव्यू मीटिंग का आयोजन
- पाकुड़ जिले में पीवीटीजी समुदाय के साथ पायलट पहल की सफलता, 75 चेंजमेकर की सक्रिय भागीदारी
- प्रतिभागियों ने अनुभव, चुनौतियाँ और बदलाव की कहानियाँ साझा कीं
- पहल की सफलता को देखते हुए इसे गोड्डा, पलामू और पाकुड़ के अन्य क्षेत्रों में विस्तार की योजना
रांची: झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) और यूनिसेफ की संयुक्त साझेदारी से किशोर-किशोरी सशक्तिकरण हेतु चलाई जा रही पीवीटीजी चेंजमेकर पहल की दो दिवसीय राज्य स्तरीय रिव्यू मीटिंग का सफल आयोजन 19 और 20 मई 2025 को रांची में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जेएसएलपीएस की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती कंचन सिंह ने की। उनके साथ यूनिसेफ की चीफ फील्ड ऑफिसर श्रीमती कनीनिका मित्रा, चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट, प्रीती श्रीवास्तव यूनिसेफ और कम्युटिनी – दी यूथ कलेक्टिव के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
यह पहल विशेष रूप से पाकुड़ जिले के पाँच प्रखंडों में पीवीटीजी (PVTG) समुदाय के किशोरों और किशोरियों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सामाजिक कुप्रथाओं जैसे बाल विवाह, लिंग आधारित हिंसा आदि के प्रति जागरूकता लाना और युवाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाना था।
पहल की समीक्षा और प्रतिभागियों की सहभागिता इस दो दिवसीय बैठक में पहले दिन सभी पीवीटीजी चेंजमेकरों ने आत्ममंथन किया और अपनी सीख, चुनौतियाँ और आगे की योजनाओं को पोस्टर के माध्यम से साझा किया। दूसरे दिन उन्होंने पोस्टर प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने कार्यों जैसे बेसलाइन सर्वे, बूट कैंप, रैली, काउंसलिंग आदि गतिविधियों की प्रस्तुति दी, जिन्हें उन्होंने समुदाय में लागू किया।
पाकुड़ से आरती मालतो, तलावती पहाड़ीन, जमुना पहाड़िया जैसे चेंजमेकरों ने बताया कि इस पहल के माध्यम से न केवल वे अपने गाँव में बदलाव लाने में सफल हुए हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और नेतृत्व के नए अवसर भी प्राप्त हुए हैं।
कार्यक्रम में किशोर-किशोरियों को भी अपने अनुभव साझा करने का मंच मिला। कई प्रतिभागियों ने बताया कि उन्हें पहले बाल विवाह और लैंगिक हिंसा के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वे इन मुद्दों को समझते हैं, आगे पढ़ना चाहते हैं और समान अधिकारों के बारे में जागरूक हो चुके हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य होगा: कंचन सिंह
कार्यक्रम में सीईओ जेएसएलपीएस श्रीमती कंचन सिंह ने पीवीटीजी चेंजमेकर पहल की सराहना करते हुए कहा, “इस पहल से यह साबित हुआ है कि पीवीटीजी समुदाय में क्षमता है – हमें बस उन्हें सशक्त करने की आवश्यकता है। इस पहल के माध्यम से हमने देखा कि सही मार्गदर्शन और क्षमता निर्माण से समुदाय में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। अब हमें इस कार्य को आगे बढ़ाना है। चेंजमेकर के माध्यम से समुदाय को सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनके विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित किया जा सकता है।
इसके अलावा, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में मोबिलाइजेशन के ज़रिए अति गरीब/ पीवीटीजी समुदाय के युवाओं का चयन कर उन्हें स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस दिशा में ठोस कार्य किया जाएगा, ताकि कोई भी युवा विकास से वंचित न रहे और अपनी पहचान बना सके। हम सभी को सशक्त नागरिक बनकर देश और समाज के विकास में भागीदारी निभानी है।”
स्टेट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर श्री शुभाकांता नायक ने कहा कि पीवीटीजी चेंजमेकर बदलाव की एक मुख्य कड़ी बनकर उभरे हैं और अब इस पहल को गोड्डा और पलामू के कुछ प्रखंडों में भी विस्तार दिया जाएगा। उन्होंने यूनिसेफ का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आगे भी इसी तरह के साझा प्रयासों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की बात कही।
यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी इस साझा पहल की सराहना की और कहा कि जेएसएलपीएस के सहयोग से हम कठिन क्षेत्रों में भी बदलाव की दिशा में प्रभावी कार्य कर पा रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पीवीटीजी चेंजमेकरों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनका उत्साहवर्धन हो और वे भविष्य में और अधिक प्रेरणा के साथ कार्य कर सकें।
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