नई दिल्ली | दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के बीच लोगों को ‘जहरीली हवा’ से अभी पूरी राहत नहीं मिली है, लेकिन वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार जरूर दर्ज किया गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह ITO इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 270 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। राजधानी का औसत AQI 237 रहा। प्रदूषण के कारण शहर में विजिबिलिटी भी घट गई है और दिल्ली स्मॉग की चादर में लिपटी हुई नजर आ रही है।
शुक्रवार को हुआ मामूली सुधार
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का समग्र AQI शाम 4 बजे 218 दर्ज किया गया, जबकि गुरुवार को यह 373 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। यानी वायु गुणवत्ता में करीब 55 अंकों का सुधार देखने को मिला। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर के कुछ स्टेशनों पर अभी भी AQI 300 से ऊपर है, जो “बहुत खराब” स्तर को दर्शाता है।
मौसम और हवा ने दी मदद
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि प्रदूषण में कमी का कारण मौसम में बदलाव और हवा की गति बढ़ना है। उन्होंने कहा कि बाहरी दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद में हुई हल्की बारिश ने प्रदूषकों को नीचे बैठाने में मदद की है। शुक्रवार को हवा की गति 7–8 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ।
अगले कुछ दिन ऐसे रहेंगे हालात
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (SAFAR) के अनुसार, 2 से 3 नवंबर तक दिल्ली की हवा “बहुत खराब” श्रेणी में बनी रह सकती है। हल्की ठंडक और नमी प्रदूषकों को नीचे रोके रख सकती है।
आठ साल में सबसे बेहतर हवा
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बताया कि 2020 के लॉकडाउन वर्ष को छोड़कर, जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच दिल्ली ने पिछले आठ वर्षों की सबसे स्वच्छ हवा दर्ज की है। इस अवधि का औसत AQI 170 रहा, जबकि 2024 में यह 184 और 2022 में 187 था। यह आंकड़ा बताता है कि एनसीआर में वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, हालांकि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अभी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।





