by: vijay nandan
दिल्ली: देश में मतदाता सूची की अब तक की सबसे बड़ी “सर्जरी” शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने SIR (Systematic Intensive Revision) के दूसरे चरण का आगाज़ कर दिया है। इस चरण में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची की गहराई से जांच होगी ताकि लिस्ट में मौजूद गलत नामों को हटाया जा सके और वास्तविक मतदाताओं की पुष्टि हो सके।
51 करोड़ वोटर्स की जांच, हर घर पहुंचेगा फॉर्म
आयोग के मुताबिक, इस अभियान के तहत करीब 51 करोड़ मतदाताओं के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। इसके लिए 5 लाख 33 हजार से अधिक BLO (Booth Level Officers) और 7 लाख 64 हजार बूथ लेवल एजेंट्स को तैनात किया गया है। यह टीमें घर-घर जाकर ‘Enumeration Form’ भरवाएंगी, जो आगे चलकर मतदाता की पहचान का सबूत बनेगा।
#WATCH | Delhi: Phase 2 of SIR (Special Intensive Revision) to be carried out in 12 States/UTs.
— ANI (@ANI) October 27, 2025
CEC Gyanesh Kumar says, "Many a time, when the BLO visits a house, voters may not be available or may be visiting somewhere else, they might be taking time in matching/linking. So,… pic.twitter.com/1x9jnXkxrf
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शुरू की जा रही है।
#SIR 12 States & UTs#ECI #SIRPhase2 pic.twitter.com/JA2CnyWulz
— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 27, 2025
क्यों जरूरी है यह फॉर्म ?
इस बार चुनाव आयोग सिर्फ कागजी रिकॉर्ड नहीं बल्कि जमीनी हकीकत की पुष्टि करेगा। हर घर पहुंचने वाला यह “Enumeration Form” यह तय करेगा कि आप सही मतदाता हैं या नहीं, कहीं आपका नाम दो जगह तो नहीं दर्ज,
या फिर आप किसी और स्थान पर शिफ्ट तो नहीं हो चुके। इस फॉर्म के जरिए आयोग यह भी जांचेगा कि लिस्ट में कहीं मृत मतदाताओं या डुप्लीकेट नामों की एंट्री तो नहीं है।
पुराने रिकॉर्ड से होगी लिंकिंग
SIR के इस चरण में 2002-2004 की मतदाता सूची से वर्तमान डेटा को मिलाया जाएगा। अगर मतदाता या उसके माता-पिता का नाम पुराने रिकॉर्ड से मेल खाता है, तो उसे “सत्यापित” माना जाएगा। अगर रिकॉर्ड नहीं मिलता, तो संबंधित व्यक्ति से स्पष्टीकरण और दस्तावेज मांगे जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया वोटर लिस्ट को पारदर्शी और सटीक बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
ड्राफ्ट लिस्ट और आपत्तियों की प्रक्रिया, फॉर्म कलेक्शन के बाद आयोग ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करेगा। इसमें यह दिखाया जाएगा कि कितने मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हुए, किनके नाम दो बार दर्ज हैं और कौन अब जीवित नहीं हैं।
इन सभी कैटेगरीज की लिस्ट ग्राम पंचायतों, नगर परिषदों और सार्वजनिक नोटिस बोर्डों पर लगाई जाएगी। साथ ही, यह राज्य चुनाव अधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी।
अगर किसी का नाम पुराने रिकॉर्ड से मैच नहीं करता, तो ERO (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) की ओर से नोटिस जारी होगा और सुनवाई की जाएगी। आवश्यक दस्तावेज पेश करने पर नाम सुरक्षित रहेगा, अन्यथा हटाया जा सकता है।
स्लम और हाईराइज इलाकों पर विशेष फोकस
इस बार आयोग ने खास तौर पर उन इलाकों पर ध्यान दिया है, जो पहले कवर नहीं हो सके थे।
करीब 1200 पोलिंग स्टेशनों की नई योजना तैयार की गई है ताकि हाईराइज सोसायटी, झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी कोई मतदाता छूट न जाए।
SIR का यह दूसरा चरण चुनाव आयोग की पारदर्शी और अद्यतन वोटर लिस्ट की दिशा में अब तक की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। Enumeration Form के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के हर सही नागरिक को मतदान का अधिकार सुरक्षित रहे और फर्जी नामों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लग सके।





