कांग्रेस के अभियान पर बीजेपी का पलटवार
रिपोर्टर: हिमांशु पटेल
छत्तीसगढ़ में संविधान बचाओ अभियान को लेकर राजनीति गर्मा गई है। राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी पूरे देश में संविधान की रक्षा के लिए अभियान चला रही है, जिसकी छत्तीसगढ़ में शुरुआत 8 मई को बिलासपुर से की जा रही है। इस रैली के बाद सभी जिला मुख्यालयों और विधानसभा क्षेत्रों में भी इसी तरह की रैलियां निकाली जाएंगी। कांग्रेस ने यह भी ऐलान किया है कि वह इस अभियान को घर-घर तक पहुंचाएगी।
इस अभियान की तैयारियों के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और एआईसीसी सह-सचिव एवं प्रदेश सह-प्रभारी विजय जांगिड़ ने बिलासपुर संभाग के पदाधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक की। इस रैली के संयोजक के रूप में पूर्व मंत्री उमेश पटेल को जिम्मेदारी दी गई है।
दीपक बैज ने कहा कि यह अभियान केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की एक जरूरी पहल है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है, संविधान के मूल मूल्यों को खतरे में डाल रही है, और सामाजिक न्याय की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है।
बीजेपी का पलटवार: “अस्तित्व बचाने की कोशिश है कांग्रेस की”
वहीं कांग्रेस की इस संविधान यात्रा पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने तंज कसते हुए कहा कि, “जो पार्टी दशकों से संविधान का मखौल उड़ाती रही, वह अब संविधान यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और खुद को बचाने के लिए इस तरह के दिखावे कर रही है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह अभियान लोगों को गुमराह करने और अपनी राजनीतिक जमीन बचाने की एक विफल कोशिश है।
राजनीतिक गर्मी बढ़ी
कांग्रेस जहां इसे जनता की आवाज और लोकतंत्र की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, वहीं बीजेपी इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रही है। ऐसे में 8 मई को बिलासपुर में होने वाली संविधान रैली राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है।
अब देखना यह होगा कि इस संविधान यात्रा के जरिए कांग्रेस जनसमर्थन जुटा पाती है या यह मुद्दा भी राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रह जाएगा।