रायगढ़ के जुटमिल थाना क्षेत्र में आरोपी युवक को शराब के लिए पैसे की मांग पर बंदी बनाकर पेड़ से बांधा और बेरहमी से पिटा। उनकी यूपीआई से जबरन ₹21,000 ट्रांसफर कराए। आरोपी गिरफ्तार, पुलिस जांच में जुटी।
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घटना का परिचय
रायगढ़ जिले के जुटमिल थाना क्षेत्र में एक अशोभनीय मामला सामने आया है। दो युवकों ने शराब का पैसा न देने पर शिक्षु को पेड़ से बाँधकर मारपीट की, और उसकी UPI से ₹21,000 जबरन ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले में जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित और आरोपी का परिचय
- पीड़ित: जीत सिदार, सक्ती ज़िले के डभरा थाना क्षेत्र का निवासी
- आरोपी: यशवंत बैरागी सहित अन्य साथी
- स्थान: जुटमिल थाना क्षेत्र, रायगढ़
घटना की पूरी जानकारी
- मनी मांगना: आरोपियों ने शराब खरीदने के लिए पैसे मांगें—जब इनकार हुआ, तो उन्होंने सूदखोराना रवैया अपनाया।
- बंधक बनाना: पीड़ित की बेदम पिटाई की गई और उसे पहाड़ी पेड़ से बांध दिया।
- यूपीआई धोखाधड़ी: जबरन पीड़ित की UPI से ₹21,000 ट्रांसफर करवा लिए गए।
- रिहाई और शिकायत: किसी तरह बचकर, पीड़ित थाने पहुँचा और मामला दर्ज कराया।
- पुलिस कार्रवाई: जुटमिल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी।
तत्परता से की कार्रवाई
- जुटमिल पुलिस ने तेज़ी से आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- थाना प्रभारी प्रशांत राव की टीम द्वारा सक्रियता दिखाई गई—पत्थर के बावजूद पीड़ित की शिकायत पर तत्काल कदम उठाए गए ku24.in+15jantaserishta.com+15abplive.com+15jansatta.comlivehindustan.com।
- पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ की – डिजिटल ट्रांजैक्शन प्रतिबंध, बेरहमी और आपराधिक धारा के तहत कार्रवाई जारी।
कानूनी धाराएँ और जांच
- प्राथमिकी: मारपीट, बंदी बनाना, डिजिटल धोखाधड़ी (यूपीआई), फोर्स के इस्तेमाल से लेन-देन।
- आरोपियों की गिरफ्तारी: कानूनी प्रक्रिया में कोर्ट में पेशी और आगे की जाँच जारी।
- यूपीआई सुरक्षा पर सवाल: डिजिटल अपराधों के बढ़ते मामलों में यह घटना एक चेतावनी बनकर आई है।
किस तरह रखें डिजिटल सुरक्षा
- UPI डिटेल छिपा रखें—OTP, PIN किसी को न बताएं।
- हर लेन-देन पर नोटिफिकेशन जांचें—संदिग्ध गतिविधि तुरंत रिपोर्ट करें।
- पासवर्ड नियमित बदलें—2FA का प्रयोग करें।
- अनजान अनुरोधों से सावधान रहें—किराएदार, साथी आदि की मांग भी जांचें।
घटना की सामाजिक सच्चाई
आजकल मोबाइल और डिजिटल लेन-देन हमारे दैनिक जीवन के हिस्से हैं। हालांकि सुविधा बढ़ी है, लेकिन इनके दुरुपयोग की घटनाएँ भी बढ़ रही हैं। यह मामला बताता है कि अभाव या पागलपन में लोग सिर्फ हिंसा ही नहीं, बल्कि डिजिटल अपराध भी कर रहे हैं।