नई दिल्ली: दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (DG) के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश स्तर की कक्षाओं में दाखिले के लिए पहला कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ बुधवार को आयोजित किया गया। इस ड्रॉ के माध्यम से 42,000 सीटें आवंटित की गईं, जबकि इन सीटों के लिए 2.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
पहली बार सार्वजनिक रूप से हुआ ड्रॉ
इस बार ड्रॉ की प्रक्रिया को सार्वजनिक रूप से आयोजित किया गया, जिसमें दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद की उपस्थिति रही। इस ऐतिहासिक पहल के तहत, ड्रॉ को सभी अभिभावकों के सामने लाइव दिखाने के लिए कई स्क्रीन लगाई गईं, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
बच्चों ने शुरू की ड्रॉ प्रक्रिया
इस ड्रॉ को विशेष बनाने के लिए दो बच्चों को इसे शुरू करने का अवसर दिया गया। भावेश नाम के एक बच्चे ने केजी और पहली कक्षा के लिए ड्रॉ बटन दबाया, जबकि भाविका ने नर्सरी कक्षा के लिए ड्रॉ शुरू किया।
EWS-DG कैटेगरी के बच्चों को मिलेगा फायदा
दिल्ली सरकार के इस प्रयास का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत, दिल्ली के निजी स्कूलों में 25% सीटें इन वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं, जिससे वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
अभिभावकों के लिए बड़ी राहत
पहली बार ड्रॉ प्रक्रिया को सार्वजनिक रूप से आयोजित करने से अभिभावकों में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ी है। इससे उन्हें यह सुनिश्चित करने का मौका मिला कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और डिजिटल तरीके से संचालित की जा रही है।
आगे की प्रक्रिया
जिन बच्चों का नाम ड्रॉ में आया है, उनके अभिभावकों को अब निर्धारित समय सीमा में दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रवेश की अंतिम पुष्टि की जाएगी।