संक्षेप में:
Byju’s के फाउंडर और CEO बायजू रवींद्रन ने ANI को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कंपनी के आर्थिक संकट, ED जांच, और नए मिशन “Byju’s 3.0” पर खुलकर बात की। उन्होंने लोन लेने की गलती को स्वीकार किया, फ्रॉड के आरोपों को खारिज किया, और कहा कि अब उनका पूरा फोकस फिर से शिक्षा पर है।
📉 Byju’s की गिरावट और वापसी की तैयारी
एक समय $22 बिलियन की वैल्यू वाली Byju’s अब कानूनी झमेलों और फंडिंग संकट से जूझ रही है। ऐसे वक्त में CEO बायजू रवींद्रन सामने आए और “Byju’s 3.0” की घोषणा की—एक ऐसा मॉडल जो कंपनी को फिर से छात्रों और शिक्षकों की सेवा में केंद्रित करेगा।
उन्होंने कहा,
“एक अच्छा शिक्षक कभी अपने छात्रों को अधूरा नहीं छोड़ता। मेरे अंदर का शिक्षक खड़ा हुआ और हमने बिजनेस बंद नहीं किया। कोर्स पूरा करना हमारा कर्तव्य था।”
⚠️ फ्रॉड नहीं, ‘नैरेटिव’ है – रवींद्रन की सफाई
Byju’s पर सबसे गंभीर आरोप $533 मिलियन के लोन के गलत इस्तेमाल का है। यह लोन Byju’s Alpha (यूएस यूनिट) के ज़रिए लिया गया था। रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोोकुलनाथ और पूर्व अधिकारी अनीता किशोर पर लोन डायवर्ट करने का आरोप है।
रवींद्रन ने कहा:
- “यह फ्रॉड नहीं है, बल्कि एक नेरेटिव है जिसे कुछ ताकतें गढ़ रही हैं।”
- “Glas Trust (लोन ट्रस्टी) का मकसद कंपनी पर नियंत्रण पाना है।”
- “Founder का नाम खराब करो, तो कंपनी की वैल्यू गिरती है—यही एजेंडा है।”
🕵️♂️ ED जांच पर क्या बोले रवींद्रन?
Enforcement Directorate (ED) की जांच पर CEO ने साफ कहा:
- “यह जांच Think & Learn के कुछ ट्रांजेक्शनों पर थी, मेरे खिलाफ नहीं।”
- “कोई PMLA केस नहीं, कोई चार्जशीट नहीं। हम जांच में सहयोग कर चुके हैं। केस बंद हो चुका है।”
- “लुकआउट नोटिस जैसी कोई बात नहीं थी। और अगर होती भी, तो वह सार्वजनिक नहीं होती।”
🦅 “Vulture Lenders” और अमेरिकी हेज फंड का खेल?
रवींद्रन ने कुछ अमेरिकी लोन देने वाली संस्थाओं पर गंभीर आरोप लगाए:
- “कुछ अमेरिकी हेज फंड्स ने कंपनी की मुश्किलों का फायदा उठाया।”
- “इन्हें मैं ‘vulture lenders’ कहता हूं—जो मुश्किल में घिरे स्टार्टअप्स का शिकार करते हैं।”
- “यह साजिश केवल दो अमेरिकी फंड्स की है, कोई बड़ी वैश्विक साजिश नहीं।”
💸 वित्तीय गलती: “हमें वो टर्म लोन नहीं लेना चाहिए था”
कंपनी ने 2021 में $1 बिलियन का टर्म लोन लिया था, जब उनके पास पहले से $5 बिलियन की इक्विटी थी।
रवींद्रन ने माना:
“वो हमारी गलती थी। हमारे पास और ऑप्शन थे, पर हमने लोन लिया। वो निर्णय सामूहिक था, लेकिन आज लगता है कि ऐसा नहीं करना चाहिए था।”
🏠 निजी जीवन और ईमानदारी पर जोर
रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या ने कहा कि उन्होंने निजी लाभ के लिए कभी कंपनी का इस्तेमाल नहीं किया:
- “हमने जो कुछ भी कमाया, सब Byju’s में लगाया।”
- “हमारे पास कोई लग्ज़री कार या बंगले नहीं हैं। हम बाहर घूमते तक नहीं।”
- “हमारा मिशन सिर्फ शिक्षा था और है।”
📉 तेजी से विस्तार और सीखी गई सीखें
Pandemic के दौरान कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया, लेकिन रवींद्रन मानते हैं कि यह कदम जल्दीबाज़ी में था।
“हम बहुत जल्दी आगे बढ़ गए। भारत से सीधा दुनिया में जाना शायद गलती थी। निवेशकों का दबाव था: ‘तेज़ी से बढ़ो, स्केल करो।’”
अब वह इसे “रीसेट” का समय मानते हैं।
📚 Byju’s 3.0: फिर से शिक्षा पर फोकस
रवींद्रन ने बताया कि नई रणनीति में तकनीक के साथ शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने पर फोकस होगा।
- AI का इस्तेमाल: शिक्षकों को बेहतर बनाने के लिए, न कि उन्हें बदलने के लिए।
- ग्राउंड-अप अप्रोच: फिर से क्लासरूम बेस्ड मॉडल पर फोकस।
- मिशन: 1 मिलियन शिक्षण नौकरियां पैदा करना।
“हम कोर्टरूम में नहीं, क्लासरूम में belong करते हैं। यही हमारी असली जगह है।”
🔍 निष्कर्ष: क्या Byju’s वापसी कर पाएगा?
Byju’s अब एक बड़े मोड़ पर खड़ा है। संस्थापक की पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और शिक्षा-केन्द्रित अप्रोच एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती है। हालांकि कानूनी और आर्थिक समस्याएं बनी हुई हैं, लेकिन Byju’s 3.0 की सोच सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाती है।