मध्य पूर्व में जारी तनाव एक बार फिर चर्चा में है। इस बार इजरायल के रक्षा मंत्री ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वे खामेनेई को खत्म कर देते।
क्या कहा इजरायल के रक्षा मंत्री ने?
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कार्ड्स ने एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में खुलासा किया कि हालिया 12 दिन चले संघर्ष के दौरान अगर मौका मिलता, तो इजरायल ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई को निशाना बनाता।
कार्ड्स के मुताबिक:
- खामेनेई को खतरे की भनक लग चुकी थी।
- यही वजह रही कि वे भूमिगत (अंडरग्राउंड) हो गए।
- उन्होंने अपने सैन्य कमांडर से भी संपर्क तोड़ दिया था।
- अगर मौका मिलता तो इजरायल कार्रवाई कर चुका होता।
- इस कार्रवाई के लिए अमेरिका की अनुमति की जरूरत नहीं थी।
खामेनेई लंबे समय तक दुनिया की नजरों से गायब रहे
बताया जा रहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए थे। हालांकि, 26 जून की सुबह से उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगातार पोस्ट सामने आने लगे, जिनमें उन्होंने अमेरिका पर तीखा हमला बोला।
खामेनेई ने अपने पोस्ट में लिखा:
“ईरान के सरेंडर जैसी बातें ट्रंप के मुंह से शोभा नहीं देतीं। जिस तरह ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमला किया, वह अमेरिका के मुंह पर तमाचा था।”
ईरान ने ट्रंप के दावों को खारिज किया
बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान अमेरिका के साथ समझौते पर बात करने के लिए तैयार है। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगले हफ्ते दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है।
लेकिन ईरान ने ट्रंप के इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा:
- ईरान फिलहाल अमेरिका के साथ किसी बातचीत पर विचार नहीं कर रहा।
- खासतौर पर तब, जब अमेरिका ने ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया है।
- हम सोच रहे हैं कि अमेरिका से बातचीत करने में कोई लाभ भी है या नहीं।
व्हाइट हाउस भी पीछे हटा
ट्रंप के दावों के उलट, व्हाइट हाउस ने भी साफ कर दिया कि फिलहाल कोई बातचीत तय नहीं है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया:
- अमेरिका मध्य पूर्व में कतर जैसे मध्यस्थों के संपर्क में है।
- अगर कोई बैठक होती है, तो उसकी सार्वजनिक घोषणा की जाएगी।
अमेरिकी हमलों से न्यूक्लियर साइट्स को कितना नुकसान?
22 जून को अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया था, जिनमें:
- फोर्डो
- नेतांज
- इस्फहान
शामिल हैं।
इस पर ईरानी विदेश मंत्री अराकची ने कहा कि उनकी न्यूक्लियर सुविधाएं गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। हालांकि इसको लेकर अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं:
✔ कुछ अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स और खामेनेई का कहना है कि साइट्स को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
✔ वहीं, कुछ अन्य रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि साइट्स पूरी तरह तबाह कर दी गईं।
ईरान-इजरायल संघर्ष और ट्रंप का सीजफायर दावा
गौरतलब है कि 12 जून से ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है। इस दौरान ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा का भी दावा किया था, लेकिन:
- दोनों देश एक-दूसरे पर हमलों के आरोप लगाते रहे।
- दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे भी करते रहे।
- ट्रंप ने कथित सीजफायर का क्रेडिट खुद को दिया।
निष्कर्ष: स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
मध्य पूर्व की स्थिति फिलहाल बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। जहां एक तरफ ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है, वहीं अमेरिका लगातार बातचीत की कोशिश कर रहा है। लेकिन ईरान अमेरिका पर भरोसा करने को तैयार नहीं दिख रहा।
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