सिवनी/मध्यप्रदेश। रिपोर्ट: देवराज डेहरिया
सिवनी जिले के बागडोंगरी-दुरेंदा मार्ग पर एक और दर्दनाक हादसे ने फिर से रेत माफिया की बेलगाम गतिविधियों को उजागर कर दिया है। बीती रात लगभग 10 बजे, दुरेंदा गांव निवासी यशवंत राव सोनी (उम्र लगभग 45 वर्ष) को तेज रफ्तार, रेत से लदा एक डंपर कुचलता हुआ निकल गया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
घटनास्थल पर तनाव, सड़क पर शव रखकर चक्का जाम
घटना के बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक का शव सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है:
“रेत माफिया की गाड़ियों ने अब लोगों की जान लेनी शुरू कर दी है और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।”
पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग पर गंभीर सवाल
यह हादसा उगली थाना क्षेत्र में हुआ है। लेकिन एक चौंकाने वाला सवाल भी उठ खड़ा हुआ है—जिस थाना प्रभारी का हाल ही में तबादला हुआ था, वे चंद दिनों में फिर से उसी थाने में कैसे लौट आए? क्या यह सिर्फ संयोग है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और खनिज विभाग की निष्क्रियता और मिलीभगत के कारण रेत माफिया बेखौफ होकर काम कर रहे हैं।
अवैध रेत खनन पर क्यों नहीं लग रही रोक?
पूरे जिले में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण धड़ल्ले से जारी है। सूत्रों की मानें तो यह सब कुछ राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है।
खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं जबकि रेत से लदी डंपर और ट्रक रात-दिन सड़कों पर दौड़ते रहते हैं।
अब सवाल ये है…
- क्या आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं बची?
- रेत के नाम पर कब तक बहता रहेगा खून?
- क्या पुलिस और खनिज विभाग की चुप्पी केवल संयोग है या कहीं ना कहीं इन्हें भी संरक्षण प्राप्त है?
ग्रामीणों की यह मांग है कि प्रशासन तुरंत सख्त कार्रवाई करे और दोषियों को गिरफ्तार कर कानून के दायरे में लाए। वरना उनका आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
रिपोर्ट: देवराज डेहरिया, सिवनी (मध्यप्रदेश)
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