Casio F91W: कैसे 1700 रुपये की घड़ी बनी आतंकवादियों की पहचान | पूरी कहानी

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Casio F91W

क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण दिखने वाली घड़ी भी दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन सकती है? एक ऐसी घड़ी, जिसकी कीमत मात्र 1700 रुपये है, लेकिन उसका नाम सुनते ही खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो जाती हैं। हम बात कर रहे हैं Casio F91W की — एक डिजिटल घड़ी, जो कभी फैशन स्टेटमेंट थी, लेकिन आज इसे ‘आतंकवादियों की घड़ी’ कहा जाता है। इस लेख में जानिए कैसे यह घड़ी आतंकी संगठनों की पहली पसंद बनी और इसके पीछे की पूरी कहानी।


कैसे शुरू हुई Casio F91W की कुख्यात कहानी?

11 दिसंबर 1994, फिलीपींस एयरलाइंस फ्लाइट 434

साल 1994 में मनीला एयरपोर्ट से टोक्यो जाने वाली फ्लाइट 434 ने सुबह 11:06 बजे उड़ान भरी। उड़ान भरते ही एक पैसेंजर, जिसने अपना नाम अर्नाल्डो फारलोनी बताया, सीट को लेकर झगड़ने लगा। उसे 26 नंबर वाली विंडो सीट चाहिए थी क्योंकि वहां से बाहर का दृश्य बेहतर दिखता था।

काफी बहस के बाद उसे वह सीट मिल गई। कुछ समय बाद फ्लाइट सेबू एयरपोर्ट पर उतरी, जहां अर्नाल्डो उतर गया। उसकी सीट पर अब एक जापानी यात्री हारुकी इकेगामी बैठ गया। फ्लाइट दोबारा उड़ान भरती है और जैसे ही समंदर के ऊपर पहुंचती है, 26 नंबर सीट के नीचे विस्फोट हो जाता है। इकेगामी की मौके पर ही मौत हो जाती है।

असली चेहरा: रमजी यूसुफ

जांच में पता चलता है कि अर्नाल्डो फारलोनी असली में रमजी यूसुफ था — वही आतंकी, जो 1993 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले में शामिल रहा। दरअसल, विमान में चढ़ने से पहले यूसुफ बाथरूम में गया था, जहां उसने टाइम बम तैयार किया और उसे 26 नंबर सीट की लाइफ जैकेट की जेब में छुपा दिया। टाइमर के तौर पर उसने Casio F91W घड़ी का इस्तेमाल किया था। ठीक चार घंटे बाद ब्लास्ट हुआ।


Casio F91W: आतंकियों की पसंद क्यों बनी?

Casio F91W घड़ी पहली बार 1989 में जापान में लॉन्च हुई थी। इसे सस्ते, टिकाऊ और सिंपल डिजाइन के लिए जाना जाता है।

Casio F91W की खासियतें:

  • वजन सिर्फ 21 ग्राम
  • डिजिटल टाइम डिस्प्ले
  • अलार्म और स्टॉपवॉच फीचर
  • बैटरी लाइफ 7 साल तक
  • कीमत लगभग ₹1700

सस्ती, आसानी से मिलने वाली और भरोसेमंद — यही वजह थी कि आतंकियों ने इसे टाइमर डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।


अमेरिकी जेलों में Casio F91W की कहानी

ग्वांतानामो बे से सामने आई सच्चाई

9/11 हमले के बाद जब अमेरिका ने सैकड़ों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया, तो उनके सामान की तलाशी में एक चीज कॉमन पाई गई — Casio F91W घड़ी।

The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने इस घड़ी को अलकायदा का “सिंबल” घोषित कर दिया। यहां तक कि जिन कैदियों के पास यह घड़ी मिली, उन्हें बम बनाने की ट्रेनिंग से जोड़ दिया गया।

आंकड़ों पर नजर:

  • 50 से ज्यादा कैदियों की फाइल में F91W घड़ी का जिक्र
  • 32 कैदियों के पास काली Casio F91W
  • 20 के पास सिल्वर वर्जन A159W

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इस घड़ी की कई वर्कशॉप्स हुईं, जहां इसे टाइमर के तौर पर इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई।


कैसे बनती थी Casio घड़ी से टाइम बम?

Casio F91W घड़ी को टाइमर बनाने का तरीका काफी आसान था:

  • एक सर्किट बोर्ड
  • दो 9 वोल्ट की बैटरी
  • प्लास्टिक विस्फोटक (C4)
  • Casio F91W घड़ी

घड़ी के अलार्म को विशेष समय पर सेट किया जाता था। जैसे ही अलार्म बजता, सर्किट में करंट दौड़ता और धमाका हो जाता। खास बात यह थी कि घड़ी में 23 घंटे 59 मिनट 59 सेकंड तक का टाइमर सेट किया जा सकता था — यानी बम रखने वाले के पास भागने का भरपूर समय रहता।


Casio F91W से जुड़े बड़े आतंकी हमले

1994 – फ्लाइट 434 विस्फोट

रमजी यूसुफ ने Casio घड़ी से टाइम बम बनाकर फ्लाइट में धमाका किया।

1995 – पोप जॉन पॉल द्वितीय पर हमले की साजिश

यूसुफ ने पोप की फिलीपींस यात्रा के दौरान इसी तकनीक से हमला करने की योजना बनाई थी, जो विफल रही।

1999 – लॉस एंजेलेस एयरपोर्ट हमला

आतंकी अहमद रेसम, जिसे ‘मिलेनियम बॉम्बर’ कहा गया, Casio घड़ी से टाइमर सेट कर बम लेकर पकड़ा गया।

ओसामा बिन लादेन और अल-जवाहिरी

इन दोनों की कई तस्वीरों और वीडियो में उनकी कलाई पर Casio F91W घड़ी देखी गई थी, जिसने इस घड़ी को आतंकवाद से और भी मजबूती से जोड़ दिया।


Casio की प्रतिक्रिया और मौजूदा स्थिति

Casio कंपनी ने कभी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। 1989 में लॉन्च के बाद इस घड़ी के डिजाइन और फीचर में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। आज भी यह घड़ी बाजार में उपलब्ध है और आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इतना ही नहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी यह घड़ी पहनते देखा गया था।


निष्कर्ष: एक साधारण घड़ी और उसकी असाधारण कहानी

Casio F91W को दुनिया ने अलग-अलग नजरिए से देखा। आम लोगों के लिए यह घड़ी सस्ते में स्टाइल और टिकाऊपन का विकल्प रही, तो आतंकियों के लिए यह सटीक और सस्ता टाइमर। हालांकि, इस घड़ी पर प्रतिबंध या इसे पूरी तरह से बैन करने जैसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

इस कहानी ने यह जरूर सिखाया कि कभी-कभी साधारण दिखने वाली चीजें भी असाधारण असर छोड़ जाती हैं।


FAQ: Casio F91W और आतंकवाद से जुड़ी कुछ सामान्य जिज्ञासाएं

Q1. Casio F91W घड़ी कितनी कीमत की है?
➡ लगभग ₹1700, लेकिन अलग-अलग देशों में कीमत में अंतर हो सकता है।

Q2. क्या Casio F91W अब भी बाजार में मिलती है?
➡ हां, आज भी यह घड़ी बाजार में उपलब्ध है और आम लोग इसे खरीदते हैं।

Q3. क्या यह घड़ी केवल आतंकियों की पहचान है?
➡ नहीं, यह एक आम डिजिटल घड़ी है। हालांकि, कुछ आतंकवादी संगठनों ने इसका दुरुपयोग किया।

Q4. Casio F91W का इस्तेमाल बम में कैसे होता था?
➡ घड़ी के अलार्म फीचर को बम के सर्किट से जोड़ा जाता था, जिससे तय समय पर धमाका होता।

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