BY: Yoganand Shrivastva
पांवटा साहिब में बढ़ी निषेधाज्ञा की अवधि
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित पांवटा साहिब उपमंडल के कुछ गांवों में सांप्रदायिक तनाव की आशंका को देखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेशों की अवधि 26 जून 2025 तक बढ़ा दी गई है। यह कदम 13 जून को दो समुदायों के बीच हुई झड़प और पथराव की घटना के बाद उठाया गया है। पहले यह निषेधाज्ञा 19 जून तक लागू की गई थी, जिसे अब 7 दिनों के लिए बढ़ाया गया है।
कहां-कहां लागू है निषेधाज्ञा?
यह आदेश माजरा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों में प्रभावी रहेगा:
- कीरतपुर
- मालियों
- फतेहपुर
- मिस्सरवाला
- माजरा
जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका वर्मा द्वारा गुरुवार रात को जारी किए गए आदेश में कहा गया कि क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव और कानून-व्यवस्था की अस्थिर स्थिति के कारण यह निर्णय लिया गया है।
धारा 163 के तहत किन गतिविधियों पर रोक रहेगी?
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) 2023 की धारा 163 के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाई गई है:
- पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर
- घातक हथियार लेकर चलने पर
- सार्वजनिक स्थानों पर रैली, जुलूस या भूख हड़ताल करने पर
- ज्वलनशील या विस्फोटक पदार्थ ले जाने पर
- पथराव या किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री फेंकने पर
- भड़काऊ, सांप्रदायिक या राज्य विरोधी भाषण देने पर
क्यों लिया गया यह फैसला?
जिला पुलिस प्रमुख निश्चिंत सिंह नेगी की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि पहले से उठाए गए निवारक उपायों के बावजूद कुछ नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के चलते क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
क्या हुआ था 13 जून को?
13 जून को हिंदू-मुस्लिम जोड़े के कथित भागने के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हुआ था। इस दौरान पथराव की घटना हुई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें महिलाओं समेत 10 से अधिक लोग घायल हुए। अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अलावा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और पांवटा से विधायक सुखराम चौधरी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासन ने क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने के संकेत मिल रहे हैं।