BY: Yoganand Shrivastva
गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में जहां 297 लोगों की जान चली गई, वहीं एक शख्स चमत्कारिक रूप से बच गया। इस जीवित बचे व्यक्ति का नाम रमेश विश्वास है, जो कि एक ब्रिटिश नागरिक हैं। हैरानी की बात यह है कि रमेश जिस सीट पर बैठे थे – 11A – उसी नंबर की सीट ने 27 साल पहले भी एक और व्यक्ति की जान बचाई थी।
इतिहास खुद को दोहराता है?
1998 में भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था जिसमें थाईलैंड के प्रसिद्ध अभिनेता और गायक रुआंगसाक लोयचुसाक की जान बची थी — और वह भी सीट नंबर 11A पर बैठे थे।
रुआंगसाक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा:
“जब मैंने सुना कि भारत में हुए विमान हादसे में 11A सीट पर बैठे व्यक्ति की जान बची, तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। 1998 में जब मैं 20 वर्ष का था, मैंने भी TG261 फ्लाइट से यात्रा की थी और मेरी सीट भी 11A थी। उस समय भीषण हादसे में 146 में से 101 लोग मारे गए थे, लेकिन मेरी जान बच गई थी।”
रमेश विश्वास की आपबीती
रमेश ने बताया कि हादसे के वक्त वे 11A सीट पर बैठे थे। टक्कर के दौरान विमान का दरवाज़ा फट गया और वे उसी रास्ते नीचे गिर पड़े। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उनकी जान बच गई।
डीडी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा:
“एक पल के लिए मुझे लगा कि मेरी मौत तय है। जब होश आया तो खुद को ज़िंदा पाया और धीरे-धीरे सीट बेल्ट खोलकर किसी तरह वहां से निकलने की कोशिश की।”
दुर्घटना के आंकड़े
12 जून को एयर इंडिया फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही पलों बाद मेधानीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस प्लेन में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई। इसके अलावा जिस मेडिकल कॉलेज के पास विमान गिरा, वहां भी करीब 56 लोगों की जान चली गई। इस त्रासदी में केवल रमेश विश्वास ही जीवित बचे।
रुआंगसाक की कहानी: 10 साल तक नहीं लिया हवाई सफर
1998 की घटना के बाद रुआंगसाक इतने आहत हुए कि उन्होंने अगले 10 वर्षों तक किसी भी विमान में सफर नहीं किया। उस समय उनके पास बोर्डिंग पास नहीं था, लेकिन अखबारों में उनकी सीट 11A ही बताई गई थी।
क्या सिर्फ इत्तेफाक है ये?
दो अलग-अलग देशों में, अलग-अलग वर्षों में, लेकिन एक ही सीट नंबर — 11A — ने दो लोगों की जान बचाई। यह एक इत्तेफाक है या किस्मत का खेल, इस पर चर्चा तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर लोग 11A को “लकी सीट” बताने लगे हैं।