भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में एक बार फिर ज़बरदस्त उछाल देखा गया है। 6 जून 2025 को समाप्त सप्ताह में यह 5.17 बिलियन डॉलर बढ़कर 696.66 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 704.88 बिलियन डॉलर के बेहद करीब है, जो सितंबर 2024 में दर्ज किया गया था।
🔸 क्या टूटेगा पिछला रिकॉर्ड?
अगर यही तेजी बनी रही, तो जल्द ही भारत एक बार फिर से विदेशी मुद्रा भंडार का नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना सकता है। यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि देश की आर्थिक मजबूती का प्रमाण है।
🔹 डॉलर के मुकाबले रुपये को मिल रही है मजबूती
विदेशी मुद्रा भंडार में इस वृद्धि का सीधा असर रुपये की मजबूती पर देखा जा रहा है। रिजर्व बढ़ने से भारत को विदेशी कर्ज चुकाने और आयात का खर्च संभालने में मदद मिलती है। इससे रुपये पर दबाव कम होता है और यह डॉलर के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करता है।
🔹 विदेशी मुद्रा आस्तियों में भी वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार:
- विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Assets) 3.47 बिलियन डॉलर बढ़कर 587.69 बिलियन डॉलर हो गईं।
- इनमें डॉलर के अलावा यूरो, येन और पाउंड जैसी अन्य मुद्राओं की कीमत में उतार-चढ़ाव भी शामिल है।
🔹 गोल्ड रिजर्व में भी बढ़ोतरी
- भारत के सोने के भंडार (Gold Reserve) में 1.6 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है, जिससे यह 85.89 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
- दुनियाभर में भू-राजनीतिक अस्थिरता के चलते केंद्रीय बैंक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
- आरबीआई ने भी 2021 से सोने की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी कर दी है।
🔹 विशेष आहरण अधिकार और IMF स्थिति में सुधार
- Special Drawing Rights (SDR) में 102 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई, जो अब 18.67 बिलियन डॉलर हो गया है।
- भारत की आईएमएफ के साथ आरक्षित स्थिति भी 14 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई।
🔹 RBI का बयान: एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत स्थिति में
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि:
- 30 मई 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 691.5 बिलियन डॉलर था।
- यह भंडार भारत के 11 महीनों के माल आयात और 96% बाहरी कर्ज को फंड करने के लिए पर्याप्त है।
- गवर्नर के अनुसार, “भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत है और हम अपनी विदेशी फंडिंग आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं।”
🔹 भारत को क्या मिलेंगे इससे लाभ?
भारत के फॉरेक्स रिजर्व बढ़ने से देश को कई फायदे होंगे:
- रुपये में स्थिरता: डॉलर की तुलना में रुपये को मजबूती मिलती है।
- आर्थिक आत्मनिर्भरता: अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में भारत की स्थिति मजबूत होती है।
- आयात और ईंधन की लागत नियंत्रित: पेट्रोल-डीज़ल जैसे आयातित उत्पादों की कीमतों पर नियंत्रण रहता है।
- विदेशी निवेशकों का भरोसा: निवेश के लिए भारत एक सुरक्षित डेस्टिनेशन बनता है।
🔚 निष्कर्ष: क्या 700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करेगा भारत?
जैसे-जैसे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है, विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत जल्द ही 700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर सकता है। अगर यह गति बनी रही, तो यह देश के लिए आर्थिक सुरक्षा की मजबूत ढाल साबित होगी।
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