5 जून 2025 को अयोध्या एक बार फिर आस्था के महासागर में डूब गई। करीब डेढ़ साल पहले, 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, और अब आज राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा पूरी भव्यता के साथ संपन्न हुई। यह वह पल था जिसका वर्षों से करोड़ों श्रद्धालु इंतजार कर रहे थे।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधान से पूरी
राम दरबार में प्रभु श्रीराम के साथ माता सीता, भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान विराजमान हैं। इन सभी विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिजीत मुहूर्त में की गई।
इस आयोजन में गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ राम दरबार में आरती की और भगवान श्रीराम के दरबार में शीश नवाया।
राम मंदिर के परकोटे में भी मूर्तियों की स्थापना
राम मंदिर के परकोटे पर बने 8 छोटे मंदिरों में भी देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिनमें शामिल हैं:
- ईशान कोण में शिवलिंग
- अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश
- दक्षिणी भुजा में महाबली हनुमान
- नैरृत्य कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य
- वायव्य कोण में मां भगवती
- उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता
इन सभी प्रतिष्ठानों ने राम मंदिर परिसर को और भी आध्यात्मिक व दिव्य बना दिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए खास दिन
इस ऐतिहासिक अवसर की एक और खास बात यह रही कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है। उनके लिए यह दिन आध्यात्मिक और व्यक्तिगत दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा। वे इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने और खुद भी आयोजन का हिस्सा बने।
रामनगरी अयोध्या में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। मंदिर परिसर में घंटियों की गूंज, वैदिक मंत्रों की ध्वनि और भक्ति की अनवरत लहरों ने माहौल को दिव्यता से भर दिया।
एक और अध्याय जुड़ा राम मंदिर के इतिहास में
5 जून 2025 का यह दिन राम मंदिर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। राम दरबार की स्थापना के साथ ही मंदिर का एक और अध्याय पूरा हुआ, जो न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का संदेश भी देता है।





