Jaipur news: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर मनरेगा (MNREGA) योजना को साजिश के तहत खत्म करने का कड़ा आरोप लगाया। भगवान श्री राम तभी खुश होंगे, जब गरीब के पास रोजगार होगा
योजना का नाम बदलने पर तीखा प्रहार करते हुए जूली ने कहा, “भाजपा ने योजना का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ (G RAM G) कर दिया है। महात्मा गांधी जी के अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे, लेकिन भाजपा इस नाम का राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कहा कि “भगवान श्री राम तो तभी खुश है जब गरीबों को रोजगार मिल रहा है। अब नाम बदल कर उसमें राम का नाम लेने से मुंह में राम, बगल में छुरी वाली कहावत आप पर 100 % सत्य साबित होती है। योजना का नाम तो जी राम जी और मजदूरों के लिए काम का भी जी राम जी कर दिया आपने, अंत कर दिया है।”
बदलाव मनरेगा मजदूरों के हितों के खिलाफ :
जूली ने योजना के नियमों में हुए बदलावों पर चिंता जताते हुए कहा कि जो पहले श्रमिकों का अधिकार था, राइट टू वर्क जो अब अधिकार नहीं रहा है । उन्होंने कहा कि पहले यह कानून था कि श्रमिक फॉर्म नंबर छह भरेंगे और पंद्रह दिन में रोजगार मिलेगा, यदि नहीं मिला तो अधिकारी के खाते से पैसा कटेगा और उनको बेरोजगारी भत्ता मिलेगा लेकिन आज अब वो बात नहीं रही।
योजना के फंडिंग पैटर्न में बदलाव मनरेगा को ख़त्म करने की साजिश :
श्री जूली ने मनरेगा के फंडिंग पैटर्न में बदलाव पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस सरकार की साजिश है मनरेगा को खत्म करने की क्योंकि राज्यों के पास इतना पैसा नहीं है कि अपना हिस्सा भी दे पाएंगे और केंद्र आधारित योजना हो जाए कि वह फंड तय करेंगे कि हमें मनरेगा में इतना पैसा देना है, वह उतना ही देंगे। उससे ऊपर का पैसा राज्यों को वहन करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि जब डिमांड आधारित योजना है, मजदूरों को काम चाहिए तो उतना काम देना पड़ेगा।
दो महीने के प्रतिबंध पर सवाल
जूली ने सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि फसल कटाई के सीजन में मनरेगा कार्य पर रोक लगाना तर्कहीन है। उन्होंने तर्क दिया कि कई पहाड़ी और बंजर इलाकों में खेती नहीं होती, ऐसे में वहां का मजदूर उन दो महीनों में अपने परिवार का पेट पालने के लिए कहाँ जाएगा? उन्होंने केंद्र सरकार की मंशा पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा को इस देश के गरीब और मजदूर से आखिर दिक्कत क्या है? पहले किसानों के खिलाफ काले कानून लाए गए, फिर लेबर कोड के जरिए श्रमिकों के हक छीने गए और अब मनरेगा मजदूरों पर प्रहार किया जा रहा है।
उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि गरीब के लिए सभी को खड़ा होना पड़ेगा तथा मनरेगा का इश्यू हजारों, लाखों, करोड़ों जो परिवार है उनके पेट पर लात मारने वाला है।
प्रेस वार्ता के दौरान सांसद श्रीमती रंजित रंजन ने भी प्रेस को सम्बोधित किया और कहा कि मोदी सरकार ने “सुधार” के नाम पर लोकसभा में एक और बिल पास करके दुनिया की सबसे बड़ी रोज़गार गारंटी स्कीम मनरेगा को खत्म कर दिया है।





