एक रेडिट यूजर ने गुरुग्राम सबरेडिट पर अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि 1.8 करोड़ रुपये के बजट के बावजूद उन्हें शहर में एक अच्छा 3BHK अपार्टमेंट नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि किराए की दरें भी बहुत ज्यादा हैं, जिसकी वजह से परिवार उन्हें घर खरीदने के लिए दबाव बना रहा है।
उन्होंने लिखा, “DLF जैसी सोसाइटी में फ्लैट खरीदना मेरी पहुंच से बाहर है। मैंने मानेसर के आसपास भी देखा, लेकिन वहां भी कीमतें कम नहीं हैं। क्या ये दाम कभी नीचे आएंगे?”
इस पोस्ट पर नेटिजन्स की तरफ से कई प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ का कहना था कि बिल्डर्स और ब्रोकर्स खरीदारों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं, जबकि अन्य ने बताया कि गुरुग्राम का रियल एस्टेट मार्केट लगातार बढ़ रहा है और कीमतों में गिरावट की उम्मीद करना गलत है।
नेटिजन्स की प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- “यह शहरी भारत की सच्चाई है—या तो आप जिंदगीभर किराए पर रहें या घर खरीदने के लिए कर्ज ले लें।”
- “1.8 करोड़ में भी अच्छा घर नहीं मिल रहा? यह तो चिंताजनक है!”
- “गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर हो सकती हैं, लेकिन गिरने की संभावना नहीं है।”
- “अगर बबल फटता है, तो कुछ समय के लिए छूट मिल सकती है, लेकिन प्रीमियम प्रॉपर्टी हमेशा महंगी ही रहेगी।”
शहरी आवास संकट की बढ़ती चुनौती
यह मामला भारत के बढ़ते शहरी आवास संकट को उजागर करता है, जहां मध्यम वर्ग और उच्च बजट वाले खरीदारों के लिए भी अच्छी प्रॉपर्टी खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। बिल्डर्स और इन्वेस्टर्स की मांग के कारण प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम लोगों के लिए घर खरीदना एक सपना बनता जा रहा है।
क्या आपको भी गुरुग्राम या किसी अन्य शहर में प्रॉपर्टी खरीदने में ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है? अपने अनुभव कमेंट में साझा करें!