केंद्र में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली है। इसके बाद पार्टी ने ओडिशा में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भाजपा ने ओडिशा में मोहन मांझी को नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। ओडिशा में भी बीजेपी ने एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला अपनाया है। प्रदेश के दो डिप्टी सीएम पार्वती फरीदा और केवी सिंह देव होंगे।
24 साल बाद प्रदेश को मिला नया सीएम
लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें भारीतय जनता पार्टी ने नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को उखाड़ फेंक जादुई आंकड़ा छुआ था। बता दें, नवीन पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वो इस पद पर 24 साल और 98 दिन तक रहे। हाल ही में हुए चुनावों में सफलता मिलने के बाद बीजेपी ने अब मोहन मांझी को मुख्यमंत्री चुना है। इसी के साथ राज्य को लगभग ढाई दशक बाद नया मुख्यमंत्री मिला है।
दलित समाज से आते हैं मोहन मांझी
मोहन मांझी दलित समाज से आते हैं और बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाते हुए इस समाज में अपनी पकड़ मजबूत करने की ओर भी कदम उठाया है। मांझी ओडिशा की क्योंझर सीट से विधानसभा चुनाव जीत कर सदन पहुंचे हैं। बता दें क्योंझर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उन्होंने इस सीट से बीजू जनता दल के नीना मांझी को 11 हजार 577 वोट से हराया था। 52 वर्षीय मांझी चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। अब पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
कहां से चुनाव जीते हैं डिप्टी सीएम?
वहीं राज्य की नई डिप्टी सीएम पार्वती परीडा प्रदेश की निमापारा विधानसभा चुनाव जीती हैं। पार्वती ने बीजेडी के दिलिप कुमार नायक को 4 हजार 588 वोटों से मात दी थी। ओडिशा के दूसरे डिप्टी सीएम की शपथ लेने जा रहे कनक वर्धन सिंह देव पटनगढ़ से विधायक हैं और उन्होंने बीजेडी के सरोज कुमार मेहर को 1 हजार 357 वोटों से हराया था।
बीजेपी के पास कितने विधायक?
लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही ओडिशा में विस चुनाव हुए थे। प्रदेश में 147 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से बीजेपी ने 78 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि करीब ढाई दशक से ओडिशा पर राज करने वाले नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने महज 51 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। जबकि इस चुनाव में कांग्रेस को 14 और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया- मार्कस्वादी को एक सीट मिली है। जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे।