असम में रविवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई, जिससे दो और लोगों की जान चली गई। वहीं, राज्य के 12 जिलों में 2.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश के चलते स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। मानसून पूरे देश में पहुंच चुका है और लगभग हर जगह बारिश हो रही है, लेकिन उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। असम में पहले ही तेज बारिश के कारण हालात खराब हो चुके हैं। ऐसे में मौसम विभाग की भविष्यवाणी सभी की चिंता बढ़ाने वाली है।
असम में रविवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई, जिससे दो और लोगों की जान चली गई। वहीं, राज्य के 12 जिलों में 2.62 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि ब्रह्मपुत्र समेत राज्य की प्रमुख पांच नदियां दो स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
सर्बानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ की समीक्षा की
एक अन्य सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने लोकसभा क्षेत्र डिब्रूगढ़ की स्थिति की समीक्षा की। डिब्रूगढ़ बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिला मुख्यालय शहर कई दिनों से जलमग्न है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में बताया गया कि धेमाजी में दो और लोगों की मौत होने से इस साल बाढ़, तूफान और भूस्खलन से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। कामरूप, करीमगंज, तिनसुकिया, गोलाघाट, धेमाजी, माजुली, कछार, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, शिवसागर, कोकराझार और जोरहाट जिलों में कुल मिलाकर 2,62,186 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण राज्य के सात जिलों में शनिवार को 1,33,945 लोग प्रभावित हुए।
धेमाजी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
असम के कम से कम 36 राजस्व क्षेत्र और 671 गांव अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य का धेमाजी जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां बाढ़ से 69,252 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद कछार जिले में 61,895 लोग व तिनसुकिया में 45,281 लोग प्राकृतिक आपदा से संकट का सामना कर रहे हैं। खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियों में डिब्रूगढ़ और नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र, सोनितपुर में जिया भराली, बारपेटा में बेकी और करीमगंज में कुशियारा नदीदिखोऊ, शामिल हैं। असम के 2,593 लोगों ने 44 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि आठ अन्य राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं।