BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली। केन्द्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज, रविवार को विज्ञान भारती द्वारा आयोजित आईआईटीएम टेक समिट ‘Tech for Seva’ के वैलेडिक्टरी सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सेवा के लिए तकनीक केवल एक नारा नहीं, बल्कि यह संकल्प है कि भारत में हर शोध और हर नवाचार समाज के अंतिम छोर तक पहुंचे।
दूरदर्शी कदम है कृषि को मुख्य थीम चुननाः सिंधिया
सिंधिया ने विज्ञान भारती द्वारा आयोजित इस सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच विज्ञान और समाज सेवा के आदर्श संगम का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि किसान की मुस्कान ही भारत की प्रगति की पहचान है और इस वर्ष का ‘कृषि’ विषय चुनना एक दूरदर्शी कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का उल्लेख करते हुए सिंधिया ने कहा कि भारत का भविष्य विज्ञान और नवाचार की ताकत पर आधारित है और विज्ञान का मूल्य तभी है जब वह समाज को सशक्त करे। उन्होंने चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 और गगनयान जैसी उपलब्धियों को भारत के तकनीकी सामर्थ्य का प्रमाण बताया।
बाजार को किसानों तक लाना होगा: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज तकनीक के उपयोग से हर क्षेत्र में सुविधा और सहूलियत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। आज तकनीक का कृषि के क्षेत्र उपयोग कर हमें ऐसे तरीके ढूंढने होंगे जो बाजार को किसान तक लेकर आयें। इस संदर्भ में उन्होंने चंदेरी का उदाहरण देते हुए कहा कि किसानों के जीवन को आसान बनाना और तकनीक के ज़रिए बाजार उन तक लेकर आना हमारा प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए।
मध्यप्रदेश के innovations सराहनीय: सिंधिया
सिंधिया ने मध्यप्रदेश के नवाचारों का उदाहरण देते हुए ‘Gramophone’ और ‘SOUL Society’ जैसे स्टार्टअप्स का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों को नई दिशा दे रहे हैं और आत्मनिर्भर भारत की राह खोल रहे हैं। उन्हें दोहराया कि अगर किसान आत्मनिर्भर बनेगा तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा
कृषि के लिए प्रशस्त होंगे नए मार्ग: सिंधिया
समापन सत्र में उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स और सहभागी संस्थानों का आह्वान किया कि वे अपने शोध और तकनीक को समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाएं। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि भारत में विज्ञान और तकनीक का हर कदम सेवा और सशक्तिकरण की ओर बढ़े। अंत में उन्होंने विश्वास जताया कि यहाँ हुई चर्चाएं और सहयोग आने वाले समय में कृषि और ग्रामीण जीवन के लिए नए मार्ग प्रशस्त करेंगे।
