दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में तेज गर्मी ने एक तरफ लोगों की परेशानी बढ़ाई है, तो दूसरी ओर सब्जियों की रसोई में भी आग लगा दी है। खासकर टमाटर के दामों ने आम आदमी की जेब पर सीधा असर डाला है। तीन दिन पहले तक 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा टमाटर अब 70 से 80 रुपये प्रति किलो की रेंज में पहुंच गया है।
टमाटर के बढ़े दामों के पीछे क्या हैं वजहें?
1. भीषण गर्मी का असर
- दिल्ली-NCR सहित देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच चुका है।
- गर्मी के कारण खेतों में टमाटर की फसल प्रभावित हो रही है।
- उत्पादन में गिरावट के चलते सप्लाई कम हो गई है।
2. मंडियों में टमाटर की कम आवक
- दिल्ली की प्रमुख सब्जी मंडियां जैसे गाजीपुर, ओखला और आजादपुर में टमाटर की आवक घट गई है।
- वेजिटेबल ट्रेडर्स एसोसिएशन, आजादपुर के जनरल सेक्रेटरी अनिल मल्होत्रा के मुताबिक, गर्मी में फसल खराब होने से हर साल जून-जुलाई में यह स्थिति बनती है।
थोक और रिटेल बाजार में क्या है भाव?
थोक भाव (Wholesale Price):
- बेंगलुरु से आने वाला टमाटर अब 1000 रुपये प्रति 25 किलो के हिसाब से बिक रहा है।
- कुछ दिन पहले यही टमाटर 700 से 800 रुपये प्रति क्रेट में बिक रहा था।
रिटेल भाव (Retail Price):
- राजधानी में रिटेल दुकानों पर टमाटर 70 से 80 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
- मंडी स्तर पर इसका भाव 40 रुपये से ऊपर चल रहा है।
प्याज की कीमतों में भी तेजी
टमाटर के साथ-साथ प्याज की कीमतों में भी 3 से 5 रुपये प्रति किलो की वृद्धि देखी गई है। रिटेल विक्रेताओं के अनुसार, यदि मौसम की यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में अन्य सब्जियों के भाव भी चढ़ सकते हैं।
क्या करें उपभोक्ता?
- स्थानीय मंडियों पर नजर रखें: कई बार बड़ी रिटेल चेन की तुलना में स्थानीय मंडियों में सब्जियां थोड़ी सस्ती मिलती हैं।
- थोक में खरीदारी: यदि संभव हो, तो परिवार या पड़ोसियों के साथ मिलकर थोक में खरीदारी करें और कीमतें बांटें।
- सीजनल सब्जियों का विकल्प चुनें: जिनकी उपलब्धता अधिक है, वे सब्जियां चुनें जिससे बजट में संतुलन बना रहे।
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टमाटर की कीमतों में यह बढ़ोतरी मौसम, सप्लाई चेन और फसल की स्थिति का परिणाम है। जैसे-जैसे जून-जुलाई का असर पड़ेगा, कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। आम उपभोक्ता को अब अपनी खरीदारी की रणनीति में थोड़ी समझदारी दिखाने की जरूरत है।