बिजनौर में कीरतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन महीने पहले मासूम बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को आज कोर्ट ने 25 साल के कठोर कारावास और 60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट, कल्पना पांडे की अदालत ने आरोपी विजेंद्र को धारा 6 पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कल्पना पांडेय ने अर्थदंड की राशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने के आदेश दिए हैं।
थाना किरतपुर के एक गांव निवासी ने व्यक्ति ने थाना किरतपुर में तहरीर दी थी उसकी आठ वर्षीय धेवती उसके यहां छुट्टियों में आई थी। सात जून 2024 को धेवती अन्य बच्चों के साथ अरुण के ट्यूबवेल पास खेल रही थी। इसी दौरान बिजेंद्र आया और उसकी धेवती को खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया।
बच्चों के शोर मचाने पर बिजेंद्र पीड़िता को खेत में छोड़कर भाग गया। पीड़िता घायलावस्था में खेत में पड़ी मिली थी। उसके कपड़े खून से लथपथ थे। पीड़िता ने कोर्ट में अपने बयान में दुष्कर्म करने की बात बताई थी। कोर्ट ने इस मामले में बिजेंद्र को आठ वर्षीय पीड़िता से दुष्कर्म का दोषी पाते हुए 25 वर्ष की सजा सुनाई है।
18 दिन में चार्जशीट दायर होने के बाद 87 दिन में हुई सजा
बालिका से दुष्कर्म की घटना के बाद 87 दिनों के रिकार्ड समय में सजा सुनाई गई है। इस मामले में घटना के 18 दिन बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष ओर से न्यायालय में 11 गवाह पेश किए गए। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की मॉनिटरिंग की और साक्ष्य पेश करने में दिलचस्पी ली। अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर बिजेंद्र को दोषी पाया गया।
ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत इस केस को चिन्हित किया गया था। मॉनिटरिंग करते हुए पैरवी कर्ता को समय-समय पर दिशा निर्देश दिए गए। कोर्ट में पुलिस और अभियोजन विभाग की मजबूत पैरवी के चलते महज 87 दिन में ही सजा कराई गई। – राम अर्ज, एएसपी देहात, बिजनौर