मुंबई, 27 अप्रैल 2025 – 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने के आरोपी पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक ताहव्वुर राणा ने मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ के दौरान अपने किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार कर दिया है।
राणा, जो फिलहाल दिल्ली में एनआईए (NIA) की हिरासत में हैं, से मुंबई पुलिस की एक टीम ने 8 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने 26/11 के उस भीषण हमले से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
राणा ने क्या कहा?
पूछताछ के दौरान, राणा ने दावा किया कि उनका 26/11 हमले की योजना या अंजाम देने से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने सारा दोष अपने बचपन के दोस्त और सह-आरोपी डेविड कोलमैन हेडली पर डाल दिया, जिसने पहले ही लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए भारत में जासूसी करने की बात स्वीकार कर ली थी।
राणा ने यह भी बताया कि उन्होंने मुंबई और दिल्ली के अलावा केरल की भी यात्रा की थी। जब उनसे इस यात्रा का मकसद पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे वहां किसी जानकार से मिलने गए थे और उस व्यक्ति का नाम व पता एजेंसी को दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस की एक टीम जल्द ही केरल जाकर इस दावे की पुष्टि कर सकती है।
असहयोगात्मक रवैया और याददाश्त का हवाला
अधिकारियों ने बताया कि राणा ने पूछताछ के दौरान ज्यादा सहयोग नहीं दिखाया और अक्सर टालमटोल जवाब दिए। उन्होंने यह भी कहा कि 17 साल पुरानी घटना के बारे में उन्हें स्पष्ट याद नहीं है।
यह पूछताछ एनआईए की जांच का हिस्सा है, जो 26/11 हमले से पहले LeT और पाकिस्तान की ISI द्वारा की गई 3 साल की तैयारी की जांच कर रही है।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
26/11 का हमला भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है, और न्याय की प्रक्रिया धीमी रही है। हेडली ने तो मुखबिर बनकर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं, लेकिन राणा का 2023 में अमेरिका से प्रत्यर्पण एक बड़ी कामयाबी मानी गई थी। हालांकि, उनका लगातार इनकार करना मामले को और उलझा सकता है।
आगे क्या होगा?
- केरल यात्रा की जांच: मुंबई पुलिस राणा के दावों की पुष्टि के लिए केरल में उस व्यक्ति से पूछताछ कर सकती है।
- आगे की पूछताछ: जांचकर्ता राणा से हेडली और LeT के साथ उनके संपर्कों के बारे में और जानकारी मांग सकते हैं।