पंजाब के कई हिस्से हाल के दिनों में भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। सड़क संपर्क टूटने और गांवों के कट जाने के कारण राहत सामग्री पहुंचाना बड़ी चुनौती बन गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने तकनीक का सहारा लेकर ड्रोन के जरिए मदद पहुंचाने की अनोखी पहल की है। यह कदम न सिर्फ तेज़ राहत का जरिया बना है, बल्कि सरकार की नई सोच और तत्परता की मिसाल भी पेश कर रहा है।
ड्रोन के जरिए राहत सामग्री – पहली बार इतना बड़ा अभियान
राज्य के जिन गांवों में नावें भी नहीं जा पा रही थीं, वहां अब ड्रोन उड़कर जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
- सूखा राशन
- पीने का पानी
- जरूरी दवाइयां
- बच्चों के लिए दूध
- बुजुर्गों की दवाएं
- महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड
- टॉर्च और अन्य ज़रूरी सामान
अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे सबसे प्रभावित इलाकों में यह सेवा लगातार सक्रिय है।
कैसे काम कर रही है हाई-टेक राहत सेवा
- कई ड्रोन 10–15 किलोमीटर तक उड़कर उन स्थानों पर पहुंच रहे हैं जहां लोग दो-तीन दिनों से फंसे हुए थे।
- ये टीमें पूरी तरह नि:शुल्क काम कर रही हैं, जो सरकारी कार्यकुशलता और समाज के सहयोग का उदाहरण है।
- छतों और ऊंचे स्थानों तक सुरक्षित डिलीवरी की जा रही है।
जमीनी स्तर पर टीमों की सक्रियता
ड्रोन सेवा के साथ-साथ प्रशासनिक टीमें भी दिन-रात जुटी हैं:
- फाजिल्का – पुलिसकर्मी खुद कंधों पर बोरे उठाकर राशन पहुंचा रहे हैं।
- गुरदासपुर व पठानकोट – अधिकारी पानी में उतरकर मेडिकल कैंप चला रहे हैं।
- अजनाला – प्रशासन ट्रैक्टर और नावों के जरिये भी राहत सामग्री वितरित कर रहा है।
एनडीआरएफ, पुलिस, मेडिकल टीमें, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मिलकर यह अभियान चला रहे हैं।
सीएम मान की सीधी निगरानी
मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हर गांव तक मदद पहुंचाने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भरोसे और नई सोच वाला पंजाब
पंजाब की यह हाई-टेक राहत सेवा सिर्फ मदद नहीं, बल्कि भरोसे और नई सोच की कहानी है। यह दिखाता है कि जब सरकार और जनता मिलकर तकनीक का सही इस्तेमाल करें तो किसी भी संकट का सामना तेज़ी और प्रभावी तरीके से किया जा सकता है।