प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कनाडा में होने वाले जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में उनकी मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी समेत कई वैश्विक नेताओं से होने वाली है। यह दौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बड़ी कूटनीतिक बातचीत
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पीएम मोदी की पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय मुलाकात होगी। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी बातचीत को लेकर खास उत्सुकता बनी हुई है। माना जा रहा है कि आतंकवाद, वैश्विक सुरक्षा, और भारत की रणनीतिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है।
साइप्रस में मिला ऐतिहासिक स्वागत
इससे पहले पीएम मोदी चार दिवसीय विदेश दौरे के तहत साइप्रस पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।
जैसे ही वे साइप्रस एयरपोर्ट पर पहुंचे, वहां के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स ने उनका रेड कार्पेट वेलकम किया।
प्रमुख बातें:
- पीएम मोदी का ग्रैंड वेलकम साइप्रस एयरपोर्ट पर
- होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से किया स्वागत
- पीएम मोदी ने सीईओ फोरम में की शिरकत
- राष्ट्रपति निकोस से हुई द्विपक्षीय बातचीत
तीसरे भारतीय पीएम बने जो पहुंचे साइप्रस
पीएम नरेंद्र मोदी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के बाद साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनका यह दौरा भारत और साइप्रस के संबंधों में नई ऊर्जा भरने वाला साबित हो रहा है।
“भारत-साइप्रस संबंधों में असीम संभावनाएं हैं” – पीएम मोदी
सीईओ फोरम में अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस के रिश्ते मजबूत हैं और इनमें आगे और मजबूती लाने की संभावनाएं हैं। व्यापार, निवेश और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की बात पर जोर दिया गया।
क्या उम्मीद की जा रही है जी-7 समिट से?
जी-7 समिट में भारत की भागीदारी न केवल वैश्विक मंच पर देश की भूमिका को दर्शाती है, बल्कि यह पीएम मोदी के लिए कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ संवाद का एक सुनहरा अवसर भी है।
संभवतः चर्चा के विषय:
- वैश्विक आतंकवाद पर साझा रणनीति
- जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा
- व्यापार और डिजिटल ट्रांजैक्शन
- दक्षिण एशिया की सुरक्षा और स्थिरता
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जी-7 समिट 2025 पीएम मोदी के लिए एक अहम कूटनीतिक अवसर है। डोनाल्ड ट्रंप और अन्य नेताओं के साथ उनकी बातचीत भारत के हितों को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखने में सहायक होगी। साइप्रस यात्रा ने पहले ही इस दौरे को ऐतिहासिक बना दिया है, और कनाडा में होने वाली मुलाकातें इसके प्रभाव को और बढ़ाएंगी।





