नाइजीरिया के मध्य स्थित बेन्यू राज्य के येलेवाटा गांव में शुक्रवार रात जो हुआ, उसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। बंदूकधारियों ने गांव पर धावा बोलते हुए 100 से अधिक लोगों को उनके ही बेडरूम में बंद कर जिंदा जला डाला और कुछ को गोलियों से भून डाला।
घटना के बाद से कई लोग लापता हैं और दर्जनों घायल ग्रामीण अस्पतालों में इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हमले की भयावहता:
एक रिपोर्ट के अनुसार मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी ने नाइजीरिया सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनके मुताबिक:
- “बेन्यू राज्य में लगभग हर दिन हो रही हत्याएं चिंताजनक हैं।”
- “सरकार के सुरक्षा उपाय नाकाम साबित हो रहे हैं।”
- “अगर तुरंत एक्शन नहीं लिया गया, तो यह नरसंहार और बढ़ सकता है।”
सुरक्षा में नाकामी और उसके असर
इस हमले ने एक बार फिर नाइजीरिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं:
- हमलावर पूरी तरह बेखौफ नजर आए।
- कानून-व्यवस्था की नाकामी के चलते सैकड़ों किसान विस्थापित हो चुके हैं।
- खाद्य सुरक्षा पर भी गहरा असर पड़ सकता है क्योंकि मृतकों में अधिकतर ग्रामीण किसान थे।
- स्थानीय समुदायों में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है।
जान-माल दोनों का नुकसान
इस हमले ने सिर्फ जिंदगियों को नहीं, बल्कि हजारों लोगों की आजीविका और भविष्य को भी छीन लिया है। गांव के लोग अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
आगे की ज़रूरत: तुरंत और ठोस कार्रवाई
अगर नाइजीरिया सरकार ने:
- अपराधियों की पहचान कर तुरंत गिरफ़्तारी नहीं की,
- ग्रामीण इलाकों में प्रभावी सुरक्षा उपाय लागू नहीं किए,
तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं। अब वक्त आ गया है कि दुनिया इस मानवता-विरोधी अपराध पर चुप्पी तोड़े और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करे।
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बेन्यू राज्य की येलेवाटा गांव की यह घटना केवल एक स्थानीय अपराध नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुरक्षा संकट है। जब तक नाइजीरिया सरकार ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक इस तरह की घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।