मध्यप्रदेश में मानसून के प्रचंड रूप ने एक बार फिर कहर बरपाया है। राज्य के चार जिलों – छतरपुर, गुना, टीकमगढ़ और अशोकनगर – में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रविवार को कई गांव जलमग्न हो गए और छतरपुर में धसान नदी में एक पिकअप वाहन बह गया, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई।
सोमवार को 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें 9 जिलों में अति भारी वर्षा की आशंका जताई गई है।
बाढ़ग्रस्त जिले: जानिए कहां-कहां मचा हाहाकार
➤ छतरपुर:
- धसान नदी में पिकअप बहने से एक की मौत, दो ने शीशा तोड़कर जान बचाई
- रनगुवां डैम के 15 गेट खोले गए
- देवगांव-देवरा मार्ग बंद, पुल टूटने से आवागमन रुका
- शिव शक्ति कॉलोनी में 3 फीट पानी घरों में घुसा
- बिजली के 6 खंभे बहने से आपूर्ति ठप
➤ गुना:
- 9 घंटे में 2 इंच से अधिक बारिश
- पुरानी छावनी में सड़कों पर पानी, आवाजाही ठप
➤ अशोकनगर:
- सब्जी मंडी परिसर में 4 फीट तक पानी, माल बहा
- कुंडेश्वर में स्कूल के कमरे जलमग्न, बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया
➤ टीकमगढ़:
- हनुमान सागर तालाब ओवरफ्लो
- टीकमगढ़-ललितपुर रोड बंद, जमडार नदी उफान पर
आज कहां-कहां होगी भारी बारिश?
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, इन जिलों में अति भारी वर्षा का खतरा है:
नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा
गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर
यहां 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है।
भारी बारिश संभावित जिलों में शामिल हैं:
- ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया
- टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना
- रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली
- जबलपुर, सागर, रायसेन, सीहोर
- इंदौर, उज्जैन, धार, रतलाम, झाबुआ
- भोपाल में हल्की बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी: दो दिन रहेगा असर
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार:
- प्रदेश में मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है
- अगले दो दिन पश्चिमी मध्यप्रदेश जैसे इंदौर, उज्जैन, भोपाल में भारी बारिश का असर
- इसके बाद सिस्टम कमजोर हो जाएगा
बारिश का डेटा: बड़े शहरों में कैसा रहा ट्रेंड
➤भोपाल:
- जुलाई में अब तक का रिकॉर्ड: 41 इंच (1986)
- एक दिन में सबसे ज्यादा: 11 इंच (22 जुलाई 1973)
- एवरेज जुलाई बारिश: 14.4 इंच
- सामान्यतः 15 दिन बारिश होती है
➤इंदौर:
- अब तक का रिकॉर्ड: 11.5 इंच (24 घंटे में, 1913)
- जुलाई में औसतन 12 इंच बारिश
- 13 दिन औसतन बारिश होती है
- इस बार 40% ज्यादा बारिश
➤जबलपुर:
- सबसे ज्यादा बारिश वाला शहर
- जुलाई में रिकॉर्ड बारिश: 45 इंच (1930)
- 24 घंटे में सबसे ज्यादा: 13.5 इंच (30 जुलाई 1915)
- एवरेज: 17 इंच, 15–16 दिन बारिश
➤ग्वालियर:
- कम बारिश का ट्रेंड
- जुलाई में औसतन 9 इंच
- 11 दिन बारिश होती है
- रिकॉर्ड: 24.5 इंच (1935)
➤उज्जैन:
- जुलाई में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश: 36 इंच (2015)
- औसत बारिश: 13 इंच, 12 दिन बारिश
- एक दिन में सबसे ज्यादा: 12.55 इंच (19 जुलाई 2015)
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
मध्यप्रदेश में बारिश का कहर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के कई जिले बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लोगों को जलभराव और तेज बहाव वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।