देश ही नहीं दुनिया के सबसे चर्चित नेता नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में हैं। साल 2014 से अब तक वो भारत के प्रधानमंत्री हैं। लेकिन अब उनकी सांसदीय सदस्यता जाने वाली है या फिर उन्हें भी अपनी सांसदीय कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी के जैसे षड्यंत्र रचना पड़ेगा। क्योंकि एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट देश के तात्कालीक प्रधानमंत्री की लोकसभा सदस्यता निरस्त करने की याचिका पर सुनवाई करेगा। दरअसल, मध्य प्रदेश के सिवनी के एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बड़ी बात ये है कि उनकी याचिका को कोर्ट ने रजिस्टर्ड कर लिया है।
पूर्व सीएम शिवराज के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव
मप्र के सिवनी के एक व्यक्ति ने पिछले विधानसभा चुनाव में तात्कालीक सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा फिर लोकसभा चुनाव में पहुंच गए वाराणसी जहां उसका नामांकन ही खारिज कर दिया गया। इसी को लेकर अब उसने एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई है। याचिका के घेरे में उत्तर प्रदेश के निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों से लेकर वाराणसी लोकसभा चुनाव क्षेत्र से प्रत्याशी रहे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। सूत्रों के मुताबिक, मप्र के सिवनी के युवा संत विजय नंदन ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने वाराणसी लोकसभा चुनाव को चुनौती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में उनके द्वारा दाखिल किए गए नामांकन को निरस्त करने को लेकर न्याय की गुहार लगाई है। कोर्ट ने विजय नंदन की याचिका को रजिस्टर्ड कर लिया है।
बिना कारण बताए नामांकन किया गया था निरस्त
याचिकाकर्ता विजय नंदन ने आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य प्रत्याशियों को राजनीतिक फायदा पहुंचाने के लिए उनका नामांकन निरस्त किया गया। इस पर उन्हें न्याय मिलना चाहिए, इसलिए उन्होंने याचिका दायर की है। लोकसभा सीट वाराणसी उप्र की सबसे चर्चित सीट है। क्योंकि यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार रहे हैं। इस सीट पर चुनाव जीतकर ही वे प्रधानमंत्री पद पर पहुंचे हैं। इस चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मध्यप्रदेश के सिवनी जिला निवासी युवा संत विजय नंदन ने नामांकन दाखिल किया था, जिसे बिना कारण के निरस्त कर दिया गया। इसी को आधार बनाते हुए उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयोग सहित जिला निर्वाचन अधिकारी वाराणसी और पीएम नरेंद्र मोदी को वादी बनाया है। देश में यह पहला मौका है, जब नामांकन निरस्त किए जाने को लेकर किसी उम्मीदवार ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की हो।
कौन हैं ये संत नंदन
संत विजय नंदन सिवनी जिले के युवा उद्यमी के रूप में जाने जाते हैं। उनका बैट्री का बड़ा कारोबार है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वे उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुदनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें शिवराज के खिलाफ टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस की तरफ से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बाद में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान संभालने का इरादा किया था।