आज के डिजिटल दौर में साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। देहरादून में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को चौका दिया। एक व्यक्ति का मोबाइल चोरी हुआ और कुछ ही दिनों में उसके खाते से 2.83 लाख रुपये गायब हो गए।
आइए जानते हैं यह पूरा मामला क्या था, और इससे हम सभी को क्या सीखने की जरूरत है।
पूरा मामला क्या है?
- देहरादून निवासी व्यक्ति का मोबाइल 26 मई को चोरी हो गया।
- दो दिन बाद जब वह नया सिम लेने टेलिकॉम स्टोर पहुंचे, तो पता चला कि उनका नंबर पहले ही पोर्ट किया जा चुका है।
- जब उन्होंने 2 जून को अपनी बैंक स्टेटमेंट चेक की, तो खाते में कुछ भी नहीं बचा था — पूरे 2.83 लाख रुपये ट्रांसफर हो चुके थे।
- चोरी के बाद सिम पोर्ट कर धोखाधड़ी को अंजाम देना इस तरह का पहला मामला बताया जा रहा है।
मोबाइल चोरी होने पर सबसे पहले क्या करें?
मोबाइल चोरी होते ही घबराने की बजाय कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाएं:
सबसे पहले सिम कार्ड ब्लॉक कराएं:
- अपने सिम प्रोवाइडर की कस्टमर केयर पर कॉल करें।
- पहचान संबंधी दस्तावेज़ दें और नंबर तुरंत ब्लॉक कराएं।
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं:
- मोबाइल चोरी की FIR दर्ज कराएं।
- रिपोर्ट की कॉपी अपने पास जरूर रखें।
संचार साथी पोर्टल से लें मदद
भारत सरकार द्वारा तैयार संचार साथी पोर्टल मोबाइल चोरी के मामलों में मदद करता है।
क्या कर सकते हैं इस पोर्टल पर:
- मोबाइल को ब्लॉक कर सकते हैं।
- इसके लिए डुप्लिकेट सिम और पुलिस रिपोर्ट जरूरी है।
- IMEI नंबर डालकर रिक्वेस्ट सबमिट करें।
- आपको एक रिक्वेस्ट ID मिलेगी जिससे आप मोबाइल का स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
क्यों है यह मामला खास?
अधिकांश मामलों में चोर सिम निकालकर फेंक देता है। लेकिन इस केस में:
- चोर ने न सिर्फ मोबाइल चुराया, बल्कि सिम को पोर्ट करा लिया।
- इसके जरिए उसने बैंक अकाउंट तक पहुंच बना ली और पैसे ट्रांसफर कर दिए।
यह पहली बार देखा गया है कि सिम पोर्टिंग का इस्तेमाल करके बैंक फ्रॉड को अंजाम दिया गया है।
ऐसे मामलों से कैसे बचें?
- फोन चोरी होते ही मोबाइल नंबर तुरंत ब्लॉक करें।
- बैंक से जुड़े मोबाइल नंबर को कभी लापरवाही से न लें।
- अपने सिम कार्ड को पोर्टिंग लॉक करवा सकते हैं (कुछ टेलिकॉम कंपनियां यह सुविधा देती हैं)।
- बैंक ऐप्स में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें।
- संचार साथी पोर्टल का इस्तेमाल करके IMEI ब्लॉक करें।
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देहरादून की यह घटना हमें बताती है कि आज के डिजिटल युग में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी साइबर ठगी का कारण बन सकती है। अगर आप भी मोबाइल उपयोगकर्ता हैं, तो इन सावधानियों को नजरअंदाज न करें।