BY: Yoganand Shrivastva
धनबाद, झारखंड की आतंकवाद निरोधी इकाई (एटीएस) को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली है। धनबाद के भूली ओपी क्षेत्र स्थित शमशेर नगर से एटीएस ने कथित आतंकी अम्मार याशर को हिरासत में लिया है। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़ा बताया जा रहा है। गिरफ्तारी के दौरान एटीएस को याशर के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी प्राप्त हुए हैं।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
इससे पहले 26 अप्रैल को एटीएस ने इसी जिले से चार अन्य संदिग्धों को पकड़ा था, जिनकी पहचान अयान (21), गुलफाम हसन (21), मोहम्मद शहजाद आलम (20) और शबनम प्रवीण (20) के रूप में हुई थी। इन सभी पर अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों जैसे AQIS (अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट) और ISIS के साथ संभावित संबंध रखने और युवाओं की भर्ती की कोशिशों का आरोप है।
याशर का आतंकी नेटवर्क से पुराना नाता
पूछताछ में अम्मार याशर ने एटीएस के सामने यह स्वीकार किया कि वह पहले इंडियन मुजाहिदीन (IM) नामक प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा था। उसे वर्ष 2014 में जोधपुर से गिरफ्तार किया गया था और करीब एक दशक तक जेल में रहा। मई 2024 में उसे जमानत पर रिहा किया गया था। इसके बाद उसने धनबाद में अयान जावेद और अन्य लोगों के साथ मिलकर फिर से चरमपंथी गतिविधियों में सक्रियता दिखाई और हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़ गया।
फोन से मिले अहम सुराग
अधिकारियों ने बताया कि याशर के मोबाइल फोन से हिज्ब-उत-तहरीर और अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों से उसके नेटवर्क और संभावित योजनाओं के बारे में अहम जानकारी मिलने की संभावना है।
एटीएस की सतर्क निगरानी
झारखंड एटीएस लगातार उन लोगों पर नजर रख रही है जो प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध रखते हैं या नई भर्ती की गतिविधियों में संलिप्त हैं। इस ताजा गिरफ्तारी ने आतंकी नेटवर्क के झारखंड कनेक्शन को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और सतर्कता दोनों को बढ़ा दिया है।