ईरान और इजरायल के बीच तनावपूर्ण हालात अब युद्ध में बदल चुके हैं। दोनों देश एक-दूसरे के महत्वपूर्ण ठिकानों पर घातक हमले कर रहे हैं। इस कड़ी में इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाते हुए बड़ा सैन्य ऑपरेशन अंजाम दिया है।
इजरायली सेना का बड़ा दावा
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने तेहरान में मौजूद ईरानी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर हमला किया है। सेना का यह भी कहना है कि:
- हमला ईरान के परमाणु हथियार परियोजना से जुड़ी साइट्स पर भी हुआ।
- ये सभी साइटें ईरानी शासन के न्यूक्लियर प्रोग्राम से जुड़ी थीं।
- ऑपरेशन का उद्देश्य ईरान की रणनीतिक क्षमता को कमजोर करना था।
तेल डिपो और रिफाइनरियों पर भी धावा
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, इजरायल ने:
- तेहरान और बुशहर में स्थित ऑयल डिपो और गैस रिफाइनरी समेत
- 150 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया।
हमलों में अब तक:
- 130 लोगों की मौत हो चुकी है।
- इनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
- 300 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
‘तेहरान अब सुरक्षित नहीं’ – इजरायली रक्षा बल
इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी थी कि अगर ईरान मिसाइल हमले जारी रखता है, तो “तेहरान जल जाएगा।” अब इजरायली सेना के प्रवक्ता ने और भी कड़ा बयान दिया है:
“तेहरान अब सुरक्षित नहीं है।”
यह बयान इस बात का संकेत है कि इजरायल किसी भी स्तर पर ईरानी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है और आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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इजरायल और ईरान के बीच यह टकराव अब केवल सीमा तक सीमित नहीं रहा। तेहरान जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन में हमला होना एक बड़ी रणनीतिक सफलता माना जा रहा है। इस स्थिति से न सिर्फ मध्य पूर्व, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा रणनीति प्रभावित हो सकती है।