ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई है, और इस बार बयानबाज़ी नहीं, सीधे मिसाइलें चल रही हैं। हाल ही में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइलों से पलटवार किया। अब, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी है कि “तेहरान, तेल अवीव को बर्बाद करके छोड़ेगा।”
इजरायल के खिलाफ खामेनेई का उग्र संदेश
ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई ने सरकारी टीवी पर एक पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश में कहा:
- “इजरायल को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमला करके वह बच निकलेगा।”
- “उन्होंने युद्ध की शुरुआत की है, और अब उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
- “इस अपराध में उनके हाथ खून से सने हैं, और अब हम शांत नहीं बैठेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल ने अपने लिए एक दर्दनाक भविष्य चुना है, जिससे वह बच नहीं सकेगा।
नेतन्याहू की चेतावनी और जनता से अपील
इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी बयान दिया था। उन्होंने ईरानी शासन को “दमनकारी” बताया और ईरान की जनता से कहा कि इजरायल उनके लिए “आज़ादी का रास्ता” बन रहा है।
- नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल, ईरान के खिलाफ अपना सैन्य अभियान जारी रखेगा।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल सरकारों के बीच नहीं, बल्कि अत्याचार और आज़ादी के बीच है।
हमलों में गई जानें और कोड नेम्स
इजरायल का हमला:
- ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले।
- कई सैन्य कमांडर्स और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत।
ईरान का जवाब:
- तेल अवीव पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला।
- अपने मिशन को नाम दिया: “Severe Punishment” (गंभीर सजा)
इजरायल का मिशन:
- अपने सैन्य अभियान को नाम दिया: “Operation Rising Lion”
क्षेत्रीय और वैश्विक संकट की आहट
इस ताजा टकराव ने पूरे मध्य-पूर्व को अस्थिर कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रहा है, लेकिन जमीनी हालात संकेत दे रहे हैं कि यह संघर्ष और गहरा सकता है।
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क्या यह सिर्फ शुरुआत है?
ईरान और इजरायल के बीच यह टकराव केवल दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन और वैश्विक रणनीति का हिस्सा बनता जा रहा है। खामेनेई की खुली धमकी और नेतन्याहू की जवाबी चेतावनी इस बात का संकेत हैं कि अब दोनों देश पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।