मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एक अहम कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान नेतन्याहू ने ईरान के साथ बने युद्ध जैसे हालात पर चर्चा की और इजरायल की स्थिति से अवगत कराया।
इजरायल द्वारा ईरान पर हाल ही में किए गए हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति बन गई है।
नेतन्याहू ने वैश्विक नेताओं से की बात
इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी कि नेतन्याहू ने न केवल पीएम मोदी बल्कि अन्य प्रमुख वैश्विक नेताओं से भी संपर्क साधा है। इनमें जर्मनी के चांसलर, फ्रांस के राष्ट्रपति और आगे अमेरिकी राष्ट्रपति, रूसी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से बातचीत की योजना शामिल है।
प्रमुख बिंदु:
- नेतन्याहू ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की।
- ईरान से उत्पन्न खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- आने वाले दिनों में भी संपर्क जारी रखने की बात कही गई।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया: शांति और स्थिरता पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर जानकारी दी कि उन्हें इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का फोन आया। मोदी ने कहा:
“इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बातचीत हुई। उन्होंने मुझे मौजूदा हालात से अवगत कराया। मैंने भारत की चिंता साझा की और क्षेत्र में जल्द शांति एवं स्थिरता बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया।”
पीएम मोदी की इस टिप्पणी से भारत की शांति के पक्ष में नीति और संतुलित विदेश नीति दृष्टिकोण एक बार फिर स्पष्ट हो गया है।
भारत की सतर्क निगाहें: युद्ध नहीं, संवाद की अपील
भारत सरकार ने पहले ही इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा:
- भारत ईरान-इजरायल टकराव से “बेहद चिंतित” है।
- घटनाक्रमों पर “बारीकी से नजर” रखी जा रही है।
- दोनों देशों से तनाव न बढ़ाने की अपील की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार:
- इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल साइटों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया है।
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क्या होगा आगे?
मध्य-पूर्व की यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकती है। भारत जैसे प्रमुख लोकतंत्रों की भूमिका इस समय महत्वपूर्ण है जो शांति, संवाद और संयम की बात करते हैं।
नेतन्याहू और मोदी के बीच हुई यह बातचीत यह संकेत देती है कि वैश्विक समुदाय इस संकट को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के प्रयास में है।