15 जून 2025 को उत्तराखंड में एक बड़ा हादसा सामने आया, जब देहरादून से केदारनाथ जा रहा एक हेलीकॉप्टर गौरीकुंड क्षेत्र में क्रैश हो गया। इस हेलीकॉप्टर में 7 लोग सवार थे और यह दुर्घटना केदारनाथ धाम से कुछ ही दूरी पर हुई।
इस लेख में जानिए कि गौरीकुंड कहां स्थित है, इसका धार्मिक और भौगोलिक महत्व क्या है, यह केदारनाथ से कितनी दूरी पर है, और यहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है।
गौरीकुंड कहां है?
गौरीकुंड उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह जगह हिमालयी तीर्थस्थलों में से एक मानी जाती है और केदारनाथ यात्रा का प्रवेश द्वार कहलाती है।
- यह स्थान समुद्र तल से करीब 1,982 मीटर (6,503 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
- गौरीकुंड का नाम देवी पार्वती (गौरी) के नाम पर पड़ा है, जिनका यहां एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।
केदारनाथ से गौरीकुंड की दूरी कितनी है?
- गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है।
- यह दूरी पैदल यात्रा द्वारा तय की जाती है, जिसमें लगभग 6 से 8 घंटे लगते हैं।
- यात्रा का मार्ग पहाड़ी और दुर्गम है, लेकिन भक्तों की आस्था इसे आसान बना देती है।
- मौसम के आधार पर कुछ श्रद्धालु हेलीकॉप्टर सेवा का भी उपयोग करते हैं।
गौरीकुंड तक कैसे पहुंचें?
सड़क मार्ग से:
- देहरादून से दूरी: लगभग 240 किलोमीटर
- मुख्य मार्ग: देहरादून → ऋषिकेश → देवप्रयाग → रुद्रप्रयाग → सोनप्रयाग → गौरीकुंड
- यात्रा अवधि: करीब 8-10 घंटे, मौसम और सड़क की स्थिति पर निर्भर
परिवहन विकल्प:
- देहरादून, हरिद्वार, और ऋषिकेश से नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
- सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सीमित वाहन सेवाएं और कुछ पैदल मार्ग हैं।
गौरीकुंड क्यों है प्रसिद्ध?
- गौरी मंदिर: यह मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है, जो यहां तपस्या करने आई थीं।
- गर्म जल के कुंड: यह स्थान प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोतों के लिए जाना जाता है, जिसमें श्रद्धालु स्नान करते हैं।
- तीर्थ यात्रा का पहला पड़ाव: केदारनाथ की पैदल यात्रा यहीं से शुरू होती है।
हेलीकॉप्टर हादसा: घटना का सारांश
- 15 जून को आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर, जो देहरादून से केदारनाथ जा रहा था, गौरीकुंड क्षेत्र में लापता हो गया और बाद में क्रैश हो गया।
- हेलीकॉप्टर में 7 लोग सवार थे।
- हादसे की पुष्टि के साथ ही राहत और बचाव दल घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं।
- हादसे का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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गौरीकुंड सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रवेश द्वार है जहां से भक्त केदारनाथ की यात्रा शुरू करते हैं। यह स्थल धार्मिक महत्व के साथ-साथ भौगोलिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। हालिया हेलीकॉप्टर हादसे ने इस इलाके को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।