BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: भारतीय सेना के वायुरक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान का कोई भी कोना भारत की मारक क्षमता से बाहर नहीं है, चाहे वह अपने सैन्य मुख्यालय को कहीं भी स्थानांतरित कर दे। उन्होंने यह टिप्पणी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन की पृष्ठभूमि में की।
भारत की पूरी तैयारी: मारक क्षमता और सुरक्षा सुनिश्चित
एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में जनरल डी कुन्हा ने कहा,
“भारत की मिसाइल रेंज में पाकिस्तान का हर इलाका आता है। अगर वे अपने सेना का मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर खैबर पख्तूनख्वा या किसी अन्य दूरदराज स्थान पर भी ले जाएं, तब भी उन्हें कहीं बहुत गहराई में जाकर छिपना होगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के पास गहरे क्षेत्रों तक सटीक और निर्णायक हमले करने की पूरी सामरिक ताकत है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना को गर्व
लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस को निशाना बनाकर वहां मौजूद उच्च-मूल्य वाले टारगेट्स को सटीकता से नष्ट किया। इसमें लोइटरिंग हथियारों, लॉन्ग रेंज ड्रोन, और गाइडेड स्वदेशी मिसाइल सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों का मुख्य दायित्व देश की संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा करना है।
“हमने सुनिश्चित किया कि हमारी छावनियों में रह रहे सैनिकों, अधिकारियों और उनके परिवारों को किसी तरह की क्षति न पहुंचे। यही हमारी सफलता की असली पहचान है — जब देश की जनता और जवान, दोनों को गर्व महसूस हो।”
‘शिशुपाल सिद्धांत’ पर आधारित भारत की नीति
लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने भारत की रणनीतिक सोच को ‘शिशुपाल सिद्धांत’ से जोड़ा — यानी जब तक उकसावे की सीमा पार नहीं होती, तब तक संयम, लेकिन उसके बाद निर्णायक प्रहार।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दर्शाया कि भारत अब केवल प्रतिक्रियात्मक रणनीति पर निर्भर नहीं है, बल्कि वह आक्रामक और पूर्व-सक्रिय सुरक्षा दृष्टिकोण (Proactive Security Doctrine) अपनाने को तैयार है।
तीनों सेनाओं का समन्वय: भविष्य के युद्धों की तैयारी
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की संयुक्त सैन्य कमान प्रणाली की ताकत को भी उजागर किया है, जिसमें थल, वायु और नौसेना के बीच बेहतरीन तालमेल देखा गया। यह आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप भारत की रणनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है।