साल 2024 में दीपावली त्योहार कब मनाएं इस विषय पर पंचांगों में मतभेद हैं कुछ पंचांग 31 अक्टूबर को तो कुछ 01 नवंबर को दीपावली बता रहे हैं। इससे आमजन में भ्रम का वातावरण बन रहा है। पंचांगों में दोनों दिन अमावस्या तिथि होने से ये भ्रम उत्पन्न हो गया है। इस विषय पर शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, इंदौर में प्रदेश स्तर के ज्योतिषी, प्रमुख मठ मंदिर के पुजारी और शोध अध्येताओं की बैठक का आयोजन हुआ।
ज्योतिषाचार्य पंडित चन्द्रभूषण व्यास ने बताया कि अमावस्या तिथि को लेकर ऐसी स्थिति अलग-अलग पंचांगों के कारण बनी है। देखा जाए, तो देश में दो प्रकार के पंचांग निकलते हैं, जिन्हें कंप्यूटराइज और ट्रेडिशनल पंचांग के तौर पर जाना जाता है। बैठक में यह निश्चित हुआ कि दीप पर्व यानी लक्ष्मी पूजन 01 नवंबर को ही मनाए जाने के योग्य है।
धर्मशास्त्रों के अनुसार देव पूजन हेतु अमावस्या प्रतिपदा से युक्त श्रेष्ठ कही गई है साथ ही दीपावली के लिए प्रदोषकाल भी प्रशस्त कहा गया है। मप्र और देश पश्चिम के क्षेत्रों में ये दोनों तथ्य 01 नवंबर को प्राप्त हो रहे हैं। इसके साथ ही इस दिन प्रदोषकाल में आयुष्मान योग है स्वाति नक्षत्र होने को भी धर्म शास्त्र सम्मत दीपावली 01 को मनाना उचित है। इसलिए, बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि 1 नवंबर को दिपावली पर्व मनाया जाए। उन्होंने बताया कि इस तिथि पर दिपावली पर्व मनाने के लिए सभी की एक राय बनाने की कोशिश को जाएगी और देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
दिवाली का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी, जो कि दूसरे दिन 01 नवंबर की शाम करीब 6 बजे तक रहेगी। इस तरह से दिवाली पर सभी तरह की वैदिक स्थितियां 31 अक्तूबर के दिन लागू रहेगी जबकि 01 नवंबर 2024 को अमावस्या तिथि सूर्योदय के दौरान रहेगी लेकिन समाप्ति शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगी। ऐसे में अगर 1 नवंबर को दिवाली मनाई जाती है, तो पूजा का समय शाम 5:36 बजे से शाम 6:16 बजे तक रहेगा।