BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, मध्य पूर्व में यात्रा को आसान और अधिक समेकित बनाने के लिए गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) एक बड़ी पहल की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। जल्द ही एक ऐसा एकीकृत पर्यटन वीजा पेश किया जाएगा, जिसके जरिए यात्री यूएई, सऊदी अरब, क़तर, बहरीन, कुवैत और ओमान जैसे खाड़ी देशों की यात्रा एक ही वीजा से कर सकेंगे। इस व्यवस्था को यूरोप की शेंगेन वीजा प्रणाली की तर्ज़ पर तैयार किया गया है।
दो साल पहले बनी थी योजना, अब होगा क्रियान्वयन
इस वीजा योजना को नवंबर 2023 में ओमान में हुई आंतरिक मंत्रियों की बैठक में स्वीकृति दी गई थी। GCC के महासचिव जासेम अल बुदईवी ने इसे सदस्य देशों की एकजुटता और भविष्यदृष्टि का प्रतीक बताया है। उनका कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय सहयोग को नई ऊंचाई देने वाला होगा।
कैसे करेगा काम नया वीजा सिस्टम?
इस प्रणाली के अंतर्गत यात्रियों को सिर्फ एक बार आवेदन करना होगा और स्वीकृति मिलने के बाद वे सभी छह सदस्य देशों की यात्रा कर सकेंगे।
- वीजा वैधता: 30 से 90 दिन
- उद्देश्य: केवल पर्यटन और पारिवारिक यात्राओं तक सीमित
- आवेदन प्रक्रिया: केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से
- स्वीकृति: ईमेल से डिजिटल वीजा मिलेगा, जिसे प्रिंट या मोबाइल पर दिखाया जा सकेगा।
क्या होंगे ज़रूरी दस्तावेज़?
- कम से कम 6 महीने वैध पासपोर्ट
- हालिया पासपोर्ट साइज फोटो
- होटल बुकिंग या स्थानीय निवासी से निमंत्रण
- यात्रा बीमा
- यात्रा के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधनों का प्रमाण (जैसे बैंक स्टेटमेंट)
- वापसी या आगे की यात्रा का टिकट
- वीजा शुल्क का ऑनलाइन भुगतान
आवेदकों को मिलेंगे दो विकल्प
- केवल किसी एक देश की यात्रा के लिए वीजा
- सभी छह खाड़ी देशों में प्रवेश की अनुमति वाला वीजा
पर्यटन से आगे की सोच
हालांकि यह वीजा फिलहाल केवल टूरिज्म केंद्रित है, लेकिन GCC का उद्देश्य इससे कहीं व्यापक है। इस योजना के जरिए क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण, डिजिटल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक नेटवर्क, और साझा आर्थिक ज़ोन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और सशक्त करना है।
GCC महासचिव अल बुदईवी ने स्पष्ट किया, “यह पहल केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नहीं है। इसका लक्ष्य खाड़ी देशों की सामूहिक पहचान को मजबूत करना, आवागमन में सरलता लाना और वैश्विक चुनौतियों के बीच आपसी लचीलापन बढ़ाना भी है।”
भारत सहित कई देशों के लाखों यात्रियों के लिए यह एकीकृत वीजा प्रणाली एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली है। इससे जहां मध्य-पूर्व के देशों में पर्यटन और व्यापार को गति मिलेगी, वहीं यात्रियों के अनुभव को भी सरल, सुलभ और रोमांचक बनाया जा सकेगा।