BY: Yoganand Shrivastva
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में बिजली चोरी, केबल चोरी और बिजली कर्मचारियों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत अब ‘बिजली थाने’ स्थापित किए जाएंगे। शुरुआत इंदौर और उज्जैन समेत छह बड़े शहरों से होगी। इन विशेष थानों में तैनात पुलिस दल मौके पर पहुंचकर जांच करेगा, एफआईआर दर्ज करेगा और केस डायरी भी तैयार करेगा।
उद्देश्य – चोरी पर रोक और बकाया वसूली
अब तक बिजली चोरी या बकाया वसूली के मामलों में कंपनियों को स्थानीय पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे कार्रवाई में देरी होती थी। कई बार बिजली कर्मचारियों पर हमले भी हो जाते थे। नई व्यवस्था लागू होने के बाद बिजली थानों की टीमें स्वतंत्र रूप से मौके पर जाकर छापे मार सकेंगी और तुरंत कानूनी कार्रवाई कर पाएंगी।
गुजरात मॉडल से प्रेरणा
ये थाने गुजरात की तर्ज पर बनाए जा रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और बिजली कंपनी के प्रतिनिधियों ने गुजरात का दौरा कर वहां की व्यवस्था का अध्ययन किया था। इसके आधार पर मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पहला थाना इंदौर के पोलोग्राउंड मुख्यालय और दूसरा उज्जैन के ज्योतिनगर मुख्यालय में स्थापित करने का निर्णय लिया है। दोनों स्थान तय हो चुके हैं और इन्हें अगले 3-4 महीनों में चालू करने की योजना है।
पहले चरण में 6 शहर शामिल
प्रथम चरण में इंदौर और उज्जैन के साथ भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में भी एक-एक बिजली थाना खोला जाएगा। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मंजूरी दी गई थी।
लागत और स्टाफिंग
एक बिजली थाना तैयार करने में लगभग 20–30 लाख रुपए की लागत आएगी, जबकि सालाना संचालन पर करीब 2 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रत्येक थाने में 10 सदस्यीय स्टाफ होगा जिसमें 1 थाना प्रभारी (टीआई), 2 एएसआई, 5 पुलिसकर्मी, 1 डेटा ऑपरेटर और 1 सहायक उप निरीक्षक शामिल होंगे। कर्मचारियों में महिला और पुरुष का अनुपात बराबर रखने की योजना है।
चोरी और लाइन लॉस पर नियंत्रण
प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में वर्तमान में लाइन लॉस 12.5% है, जबकि मध्य क्षेत्र में यह 25.70% और पूर्वी क्षेत्र में 28.04% तक पहुंच गया है। इन नुकसानों में बिजली चोरी का बड़ा हिस्सा शामिल है। सरकार का मानना है कि बिजली थानों के जरिए चोरी पर सख्त कार्रवाई होगी और बकायादारों से वसूली भी तेजी से की जा सकेगी।





