BY: Yoganand Shrivastva
धर्मशाला/मैक्लोडगंज – तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा अपने 90वें जन्मदिन की दहलीज पर खड़े हैं। 6 जुलाई को होने वाले इस विशेष अवसर से पहले ही धार्मिक आयोजनों और वैश्विक सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू हो चुकी है। इसी दौरान एक प्रार्थना सभा में दलाई लामा ने ऐसा वक्तव्य दिया, जिसने पूरी दुनिया की निगाहें उन पर टिका दी हैं।
उन्होंने संकेत देते हुए कहा,
“मेरे जाने के बाद भी यह 600 साल पुरानी परंपरा जारी रहेगी…”
यह कथन न केवल भावनात्मक था, बल्कि यह सवाल भी छोड़ गया – क्या जल्द ही वे अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करने वाले हैं?
कौन हैं दलाई लामा?
“दलाई लामा” कोई व्यक्तिगत नाम नहीं, बल्कि बौद्ध धर्म की गेलुग परंपरा का एक आध्यात्मिक पद है। वर्तमान दलाई लामा का जन्म नाम ल्हामो धोंडुप है, और वे 14वें दलाई लामा के रूप में पूजे जाते हैं। उन्होंने जीवन भर करुणा, अहिंसा और विश्व शांति का संदेश दिया है।
जन्मदिन सालभर चलेगा
तिब्बती सरकार-इन-एक्साइल (CTA) के अनुसार, 6 जुलाई 2025 को धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित मुख्यालय में एक भव्य समारोह से उत्सव की शुरुआत होगी। यह उत्सव पूरे एक साल तक विभिन्न आयोजनों के साथ जारी रहेगा और 5 जुलाई 2026 को समाप्त होगा।
इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लेने के लिए 300 से अधिक वैश्विक मेहमानों के धर्मशाला आने की संभावना है, जिनमें आध्यात्मिक नेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, और दुनियाभर के तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि शामिल हैं।
उत्तराधिकारी की घोषणा की संभावनाएं
CTA के कई वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों का मानना है कि इस 90वें वर्ष के अवसर पर दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर उन्होंने अब तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है, लेकिन उनका इशारा साफ है – यह परंपरा यहीं खत्म नहीं होने वाली।
परंपरा की निरंतरता पर चीन की नज़र
गौरतलब है कि चीन दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को लेकर अपनी भूमिका जताता आया है, लेकिन दलाई लामा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह निर्णय तिब्बती लोगों और बौद्ध परंपरा के अनुसार ही लिया जाएगा, न कि किसी राजनीतिक शक्ति के अनुसार।