जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तरसिली में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आरोप है कि नायब तहसीलदार बिजुरी ने एक पीड़ित पक्षकार को अपने कार्यालय में बंधक बनाकर, जबरन कागजों पर हस्ताक्षर करवाने का दबाव बनाया। इस कार्रवाई में दो पुलिसकर्मियों पर भी सहयोग देने के गंभीर आरोप लगे हैं।
बेसाहूलाल साहू ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित बेसाहूलाल साहू ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का विरोध किया, तो नायब तहसीलदार ने उन्हें “नेतागिरी” करने वाला कहकर अपमानित किया और उन्हें कार्यालय में बंधक बना लिया गया। साथ ही, कागजों पर जबरन हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया गया। जब उन्होंने हस्ताक्षर करने से इनकार किया, तो उन्हें झूठे आपराधिक प्रकरण में फंसाकर जेल में सड़वाने की धमकी दी गई और अश्लील गालियों से अपमानित भी किया गया।
इस पूरे मामले की शिकायत बिजुरी थाने में दर्ज कराई गई है, जिसमें नायब तहसीलदार के साथ-साथ दो पुलिसकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया है।
पूर्व विधायक सुनील सराफ ने खोला मोर्चा
इस मामले को लेकर कोतमा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि भरी बरसात के मौसम में किसी गरीब का घर तोड़ना अमानवीय और अनुचित है। अगर भूमि शासकीय है तो उस पर बने चार अन्य मकानों पर भी अतिक्रमण की कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन एक व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई और बाकी मामलों को लंबित रखना पक्षपातपूर्ण है।
विधानसभा में उठेगा मामला
पूर्व विधायक सराफ ने ऐलान किया है कि कांग्रेस पार्टी इस मामले को अगले महीने विधानसभा में प्रश्न के रूप में उठाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते आमजन के साथ मनमानी की जा रही है।
मामले की जांच व निष्पक्षता की मांग
बढ़ते राजनीतिक दबाव और गंभीर आरोपों को देखते हुए अब मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठने लगी है। जनप्रतिनिधियों और आमजन का कहना है कि यदि आरोप सही हैं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।