BY: Yoganand Shrivastva
पेरिस: यूरोप के कई हिस्सों में मानसून ने रफ्तार पकड़ी है, और इसका सबसे भीषण असर फ्रांस में देखने को मिला है, जहां तेज बारिश और तूफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। देश के कई हिस्सों में जलभराव, पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति ठप होने और इमारतों को नुकसान पहुंचने जैसी घटनाएं सामने आई हैं। अब तक दो लोगों की मौत और 17 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है।
संसद भवन तक पहुंचा बारिश का पानी
नेशनल असेंबली, यानी फ्रांस की संसद भी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई। प्रधानमंत्री फ्रांसवा बायरू जब संसद में पश्चिम एशिया पर भाषण दे रहे थे, तभी छत से पानी टपकने लगा। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, “क्या आपने देखा कि बारिश हो रही है?”, लेकिन भीतर के हालात गंभीर थे। विधानसभा के उपाध्यक्ष रोलांड लेस्क्योर ने तुरंत कार्यवाही रोक दी ताकि अग्निशमन अधिकारी रिसाव की जांच कर सकें। करीब 15 मिनट के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू की गई और कालीन बिछाकर पानी सोखने की कोशिश की गई।
बिजली संकट और जनहानि
फ्रांसीसी नागरिक सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, लगभग 1.10 लाख घरों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
- दक्षिण-पश्चिम फ्रांस में एक 12 साल के बच्चे की उस वक्त मौत हो गई जब उस पर तूफान में उखड़ा पेड़ गिर गया।
- उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में एक व्यक्ति की क्वाड बाइक पेड़ से टकरा गई, जिससे उसकी जान चली गई।
- तेज हवाओं के कारण कई वाहन पलट गए और कई जगहों पर लोगों के स्कूल और ऑफिस पहुंचना मुश्किल हो गया।
जनजीवन ठप, स्कूलों में परेशानी
भारी बारिश और जलभराव के कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। कई सड़कों पर इतना पानी भर गया कि यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। नागरिकों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है, खासकर दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में जहां मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है।