ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी ने प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया है। 24 सालों बाद ओडिशा को नया सीएम मिलने जा रहा है। मोहन माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे। इनके अलावा दो डिप्टी सीएम भी शपथ लेंगे। पार्वती फरीदा और केवी सिंह देव राज्य के डिप्टी सीएम होंगे। बता दें, मोहन माझी ओडिशा की राजनीति में पहली बार बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं मोहन चरण माझी , जिन्हें बीजेपी ओडिशा की कमान सौंप दी है।
कौन हैं मोहन माझी?
मोहन माझी दलित समाज से आते हैं और बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बना कर इस समाज को साधने का प्रयास किया है। माझी ओडिशा की क्योंझर सीट से विधानसभा चुनाव जीत कर सदन पहुंचे हैं। बता दें क्योंझर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उन्होंने इस सीट से बीजू जनता दल के नीना मांझी को 11 हजार 577 वोट से हराया था। 52 वर्षीय मांझी चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। अब पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
प्वाइंट में समझे
- क्योंझर सीट से चुनाव जीता है।
- ये सीट एसटी आरक्षित है।
- 11 हजार 577 मतों से चुनाव जीते हैं।
- बीजेडी की नीना मांझी को हराया
- चौथी बार विधायक बने हैं।
- मोहन माझी की उम्र 52 साल है और ये अनुसूचित जनजाति से आते हैं।
मोहन चरण माझी का राजनीतिक सफर
मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को ओडिशा के क्योंझर में हुआ। इनकी पत्नी का नाम डॉ प्रियंका मरांडी है। मोहन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत सरपंच (1997-2000) के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2000 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बीजेपी ने उन्हें राज्य आदिवासी मोर्चा का सचिव भी बनाया। इसके अलावा वह राज्य एसटी मोर्चा के महासचिव और 2005 से 2009 तक सरकारी उप मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं।
बीजेपी के पास कितने विधायक?
लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही ओडिशा में विस चुनाव हुए थे। प्रदेश में 147 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से बीजेपी ने 78 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि करीब ढाई दशक से ओडिशा पर राज करने वाले नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने महज 51 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। जबकि इस चुनाव में कांग्रेस को 14 और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया- मार्कस्वादी को एक सीट मिली है। जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे।





